Govatsa Dwadashi 2020 Wishes & Images: गोवत्स द्वादशी की अपनों को दें शुभकामनाएं, भेजें ये हिंदी WhatsApp Stickers, Facebook Messages, GIF Greetings, Quotes, SMS और वॉलपेपर्स
गोवत्स द्वादशी 2020 (Photo Credits: File Image)

Govatsa Dwadashi 2020 Wishes in Hindi: आज (12 नवंबर 2020) गोवत्स द्वादशी (Govatsa Dwadashi) मनाई जा रही है, जिसे बछ बारस (Bach Baras) और वसु बारस (Vasu Baras) के नाम से भी जाना जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, धनतेरस (Dhanteras) से एक दिन पहले कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि को गोवत्स द्वादशी का पर्व मनाया जाता है. इस दिन गायों (Cow) और उनके बछड़ों की सेवा की जाती है. भगवान श्रीकृष्ण (Lord Krishna) को भी गाय अतिप्रिय है और गाय को पृथ्वी का प्रतीक भी माना जाता है. मान्यता है कि गाय में सभी देवी-देवताओं का वास है, इसलिए गौ माता के पूजन से सभी देवी-देवता प्रसन्न होते हैं. इस दिन अगर गाय और बछड़े आस पास न मिले तो ऐसी स्थिति में शुद्ध मिट्टी से गाय और बछड़े की प्रतिमा बनाकर उनकी पूजा करनी चाहिए. कहा जाता है कि जो लोग गाय की सेवा, रक्षा और पूजन करते हैं उन पर सदैव भगवान श्रीहरि की कृपा बनी रहती है.

गोवत्स द्वादशी यानी बछ बारस या वसु बारस के अति पावन अवसर पर आप अपनों को इस पर्व की शुभकामनाएं दे सकें, इसलिए हम आपके लिए लेकर आए हैं गोवत्स द्वादशी के खास विशेज, फेसबुक मैसेजेस, वॉट्सऐप स्टिकर्स, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, कोट्स, एसएमएस, वॉलपेपर्स, जिन्हें आप सोशल मीडिया के जरिए भेज सकते हैं.

1- गोवत्स द्वादशी 2020

गोवत्स द्वादशी 2020 (Photo Credits: File Image)

2- गोवत्स द्वादशी 2020

गोवत्स द्वादशी 2020 (Photo Credits: File Image)

3- गोवत्स द्वादशी 2020

गोवत्स द्वादशी 2020 (Photo Credits: File Image)

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4- गोवत्स द्वादशी 2020

गोवत्स द्वादशी 2020 (Photo Credits: File Image)

5- गोवत्स द्वादशी 2020

गोवत्स द्वादशी 2020 (Photo Credits: File Image)

कहा जाता है कि गौ-भक्ति और गौ-सेवा से बढ़कर कोई अनुष्ठान नहीं है. गाय माता के पूजन से व्यक्ति को समस्त देवी-देवताओं और पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. भविष्य पुराण के अनुसार, गौ माता के पृष्ठदेश में ब्रह्म, गले में विष्णु, मुख में रुद्र, मध्य में समस्त देवी-देवता, रोमकूपों में महर्षिगण, पूंछ में अनंत नाग, खूरों में सभी पर्वत, नेत्रों में सूर्य-चंद्र, गौमूत्र में सभी पवित्र नदियों का वास है, इसलिए गोवत्स द्वादशी के दिन समस्त देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए गाय और उसके बछड़े का पूजन किया जाता है.