Eid-Milad-un-Nabi 2018: जानिए मुसलमानों के लिए क्यों अहम है ये दिन

12 रबी-उल-अव्वल यह इस्लामी तारीख हर मुसलमानों के लिए बहुत अहम है. ये दिन इस्लाम के सबसे आखिरी पैगंबर हजरत मोहम्मद (SAW) साहब के पैदाइश का दिन है. इसी दिन मुसलमान समाज के लोग ईद-ए-मिलाद-उन-नबी (Eid Milad un Nabi 2018) का त्योहार मानते हैं.

प्रतीकात्मक तस्वीर

Eid-Milad-un-Nabi 2018:12 रबी-उल-अव्वल यह इस्लामी तारीख हर मुसलमानों के लिए बहुत अहम है. ये दिन इस्लाम के सबसे आखिरी पैगंबर हजरत मोहम्मद (SAW) साहब के पैदाइश का दिन है. इसी दिन मुसलमान समाज के लोग ईद-ए-मिलाद-उन-नबी (Eid-Milad-un-Nabi 2018) का त्योहार मानते हैं.  पैगंबर हजरत मोहम्मद आखिरी संदेशवाहक थे और इस्लाम में उनका मर्तबा सबसे बड़ा है. मुसलमान समाज में पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के लिए परम आदर का भाव हैं. पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब ने लोगों के बीच इस्लाम धर्म का प्रचार किया. दुनिया में रहमत व शांति के लिए वे दुनिया में आए. ऐसा माना जाता की पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब को उस वक्त इस दुनिया में भेजा गया था जब बुराई आम बात हो गई थी. उन्होंने हमेशा शांति व सामुदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने का पैगाम दिया.

हजरत मोहम्मद साहब ने बेहद तकलीफों का सामना कर इस्लाम धर्म का प्रचार किया. दुश्मनों के जुल्मो-सितम को सहन करना पड़ा. मोहम्मद साहब ने बुराइयों का खात्मा कर ईमान, अमन और शांति का पैगाम दिया. उन्होंने पाक ग्रंथ कुरआन मजीद की रौशनी में लोगों को नेक राह पर चलने की हिदायत दी. उन्होंने अल्लाह की इबादत पर जोर दिया, लोगों को पाक-साफ रहने के नियम बताए साथ ही आपने लोगों के जानमाल की सुरक्षा के लिए भी इस्लामिक तरीके लोगों तक पहुंचाएं.

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इस दिन रात भर मुसलमान समाज के लोग इबादत में लगे रहते हैं. इस दिन बड़े-बड़े जुलूस भी निकाले जाते हैं. इस दिन पैगंबर मोहम्मद हजरत साहब के ज़िन्दगी से जुड़े कई अहम् पहलुओं से लोगों को अवगत कराया जाता हैं. जिन लोगों के पास पैसे होते हैं वो इस दिन मदीना जाते हैं. बच्चों को पैगंबर मोहम्मद साहब के बारे में तालीम दी जाती है.

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