Eid-e-Milad Mubarak Wishes: ईद मिलाद दुनिया भर के मुसलमानों द्वारा मनाया जाने वाला एक बेहद खास त्योहार है. क्योंकि यह पैगंबर मुहम्मद का जन्मदिन है. इस त्यौहार को कई नामों से जाना जाता है, जैसे अल-नबी अल-शरीफ़, ईद मिलाद उन नबी (Eid Milad Un Nabi) मौलिद (Mawlid) या ईद-ए-मिलाद (Eid-e-Milad) भी कहा जाता है. यह त्योहार पैगंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के जन्म के जश्न के रूप में मनाया जाता है. पैगंबर मुहम्मद का जन्मदिन मुस्लिम समुदाय बहुत गहरे प्रेम और सम्मान के साथ मनाता है. इस दिन, मुसलमान मस्जिदों में इकट्ठा होते हैं नमाज पढ़ते है, अलाह की इबादत करते हैं. जुलूसों में हिस्सा लेते हैं और सार्वजनिक समारोहों में पैगंबर मुहम्मद की शिक्षाओं का पाठ करते हैं. यह भी पढ़ें: Prophet Muhammad Quotes 2025: मिलाद-उन-नबी पर पैगंबर मुहम्मद के शिक्षाप्रद कोट्स अपने इष्ट-मित्रों को शेयर कर पर्व को सेलिब्रेट करें!
पैगंबर मुहम्मद का जन्म रबी अल-अव्वल के महीने में हुआ था, जो इस्लामी कैलेंडर का तीसरा महिना है. सुन्नी विद्वान इसे रबी अल-अव्वल की 12वीं तारीख को मनाते हैं, जबकि शिया विद्वान इसे रबी अल-अव्वल की 17वीं तारीख को मनाते हैं. भारत में इस साल ईद मिलाद 5 सितंबर को मनाया जाएगा. ईद की तारीख मौलिद का चांद दिखने पर निर्भर करती है. दुनिया भर में ईद का उत्सव 4 सितंबर की शाम से शुरू होकर 5 सितंबर की शाम को समाप्त होगा. ईद-ए-मिलाद पर हम ले आये हैं हिंदी Facebook Messages और WhatsApp Stickers जिन्हें आप भेजकर मुबारकबाद दे सकते हैं.
1. "खुश्बू-ए-गुलाब है पसीना रसूल का
आप को भी मुबारक हो महीना रसूल का
ईद-ए-मिलाद-उन-नबी मुबारक

2. आज से अमीरी गरीबी का फ़ासला ना रहे
हर इंसान एक दूसरे को अपना भाई कहे
आज सब कुछ भूल के आ गले लग जा
मुबारक हो तुझे यह ईद-ए-मिलाद

3. दुनिया की हर फिज़ा में उजाला रसूल का
यह सारी कायनात है सदक़ा रसूल का
खुश्बू-ए-गुलाब है पसीना रसूल का
आप को हो मुबारक महीना रसूल का
ईद-ए-मिलाद-उन-नबी मुबारक

4. आप को जश्न-ए-ईद-मिलाद-उन-नबी मुबारक हो
अल्लाह ताल्लाह हम सब को सीधी राह पर चलने की तौफ़ीक़ अता फ़रमाएं.
ईद-ए-मिलाद-उन-नबी मुबारक हो!

इस्लामी मान्यता के अनुसार, पैगंबर मुहम्मद को अल्लाह संदेश पहुंचाने के लिए चुना गया था. उनका जन्म लगभग 570 ईस्वी में सऊदी अरब के मक्का में हुआ था. ईद-मिलाद दुनिया भर के मुस्लिम देशों में धूम धाम से मनाया जाता है. लेकिन सऊदी अरब और कतर में इसे नहीं मनाया जाता.













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