Durga Puja 2021 Dates in Kolkata: महालया (Mahalaya) मनाने के बाद से जहां आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शारदीय नवरात्रि (Sharad Navratri) की शुरुआत हो गई है, तो वहीं पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा (Durga Puja) का काउंटडाउन शुरु हो चुका है. ऐसे में अधिकांश लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि दुर्गा पूजा 2021 कब है? सुभो षष्ठी (Subho Sasthi), महा सप्तमी (Maha Saptami), दुर्गा अष्टमी (Durga Ashtami), महा नवमी (Maha Navami) और विजया दशमी (Vijayadashami) की तिथियां क्या हैं? खासकर बंगाली समुदाय के लोगों के लिए दुर्गा पूजा सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जिसे बहुत धूमधाम से मनाया जाता है.
इस साल दुर्गा पूजा का पर्व 11 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक मनाया जाएगा. यह पांच दिवसीय उत्सव विभिन्न अनुष्ठानों और रीति-रिवाजों से भरा होता है. दुर्गा पूजा का हर एक दिन बेहद खास होता है, इसलिए इसे अनोखे तरीके से मनाया जाता है. ऐसे में हम आपके लिए लेकर आए हैं दुर्गा पूजा तिथियों की लिस्ट और इससे जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां… यह भी पढ़ें: Mata Durga Ki Aarti Hindi: शारदीय नवरात्रि में माता की यह आरती गाकर करें मां दुर्गा का पूजन, देखें वीडियो
दुर्गा पूजा 2021 कब है?
जैसा कि पहले उल्लेख किया गया है कि दुर्गा पूजा 2021 उत्सव, 11 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक मनाया जाएगा. हालांकि, पूजा की तिथियां 6 अक्टूबर को मनाई जाने वाली महालय अमावस्या के पालन से निर्धारित होती हैं. पूजा के पहले आधिकारिक दिन को महा षष्ठी कहा जाता है. इसके बाद महा सप्तमी, दुर्गा अष्टमी या महा अष्टमी, महा नवमी और विजयदशमी मनाई जाती है.
सुभो षष्ठी या महा षष्ठी 2021- (दुर्गा पूजा का पहला दिन- 11 अक्टूबर)
महा षष्ठी या सुभो षष्ठी आश्विन मास के शुक्ल पक्ष का छठा दिन है, जो दुर्गा पूजा उत्सव की शुरुआत का प्रतीक है. महा षष्ठी का मुख्य उत्सव विभिन्न पूजा पंडालों में प्रदर्शित मूर्तियों पर देवी दुर्गा के चेहरे के अनावरण के इर्द-गिर्द घूमता है. इस दौरान ढोल यानी ढाक हर पंडाल में बजाया जाता है. इसके अलावा इस दिन कई अन्य अनुष्ठान और पूजा का आयोजन किया जाता है.
सुभो सप्तमी या महा सप्तमी- (दुर्गा पूजा का दूसरा दिन- 12 अक्टूबर)
महा सप्तमी, दुर्गा पूजा का दूसरा दिन है जो 12 अक्टूबर को है. पूजा का दूसरा दिन विभिन्न विशेष पूजा अनुष्ठानों से भरा होता है. इसमें से पहला यह है कि महा सप्तमी को पवित्र जल में डूबे हुए केले के गुच्छे को नई साड़ी से ढककर, सूरज उगने से पहले महा पूजा की जाती है. कहा जाता है कि यह क्रिया एक नवविवाहित महिला को दर्शाती है, जिसे कोला बौ (Kola Bou) भी कहा जाता है.
सुभो अष्टमी या महा अष्टमी- (दुर्गा पूजा का तीसरा दिन- 13 अक्टूबर)
महा अष्टमी, दुर्गा पूजा का तीसरा दिन जो इस साल 13 अक्टूबर को है. महा अष्टमी को पूजा समारोहों में सबसे महत्वपूर्ण दिन कहा जाता है. ऐसा माना जाता है कि इस दिन देवी दुर्गा अंत में दुष्ट राक्षस महिषासुर का वध करती हैं. तमाम भक्त इस दिन देवी को अपनी प्रार्थना अर्पित करते हैं, जिसे अंजलि भी कहा जाता है और इस दिन कन्या पूजन भी किया जाता है. दरअसल, कन्याओं को स्वंय देवी दुर्गा का अवतार मानकर उनका पूजन किया जाता है.
सुभो नवमी या महा नवमी- (दुर्गा पूजा का चौथा दिन- 14 अक्टूबर)
दुर्गा पूजा उत्सव के चौथे दिन सुभो नवमी या महा नवमी मनाई जाती है. महा नवमी उत्सव महा आरती, नवमी हवन के ईर्द-गिर्द घूमती है. माना जाता है कि इस महा नवमी पर हवन-पूजन करने से जीवन में शांति और समृद्धि आती है. कुछ जगहों पर इस दिन मां दुर्गा को भक्त बलि भी अर्पित करते हैं और संधि पूजा समाप्त होने के ठीक बाद महा नवमी मनाई जाती है. यह भी पढ़ें: Navratri 2021: नवरात्रि के 9 दिन करें ये कार्य! हर मन्नत होगी पूरी! धन-धान्य से खिल उठेगी जिंदगी!
विजया दशमी- (दुर्गा पूजा का पांचवा दिन- 15 अक्टूबर)
विजया दशमी, दुर्गा पूजा का पांचवां दिन है, जिसे 15 अक्टूबर को मनाया जाएगा. दरअसल, दुर्गा पूजा उत्सव का अंतिम दिन विजया दशमी के रूप में जाना जाता है. इस दिन महिलाएं एकजुट होती हैं और भव्य नृत्य करते हुए देवी दुर्गा के गीत गाती हैं. ऐसा माना जाता है कि देवी दुर्गा विजया दशमी के दिन ही कैलाश पर्वत के लिए प्रस्थान करती हैं. यही वजह है कि विजया दशमी के दिन देवी शक्ति की मूर्तियों का विसर्जन किया जाता है.
बहरहाल, हमें उम्मीद है कि दुर्गा पूजा उत्सव की ये तिथियां और इससे जुड़ी जानकारियां इस उत्सव को बेहतर ढंग से समझने में आपकी मदद करेंगे. आप सभी को दुर्गा पूजा 2021 की हार्दिक शुभकामनाएं…