Durga Puja 2020 Wishes & HD Images: उत्तरी भारत समेत देश के विभिन्न हिस्सों में जहां शारदीय नवरात्रि (Sharad Navratri) की धूम मची हुई है तो वहीं पश्चिम बंगाल, ओडिशा और असम में दुर्गा पूजा उत्सव (Durga Puja Festival) का आगाज हो गया है. दुर्गा पूजा (Durga Puja) के पर्व को बंगाल में हिंदुओ द्वारा व्यापक तौर पर बहुत धूमधाम से मनाया जाता है, लेकिन इस साल कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) के कारण इस उत्सव की रौनक भी कुछ फीकी पड़ गई है. इस साल दुर्गा पूजा उत्सव 22 अक्टूबर से 26 अक्टूबर तक मनाया जाएगा. बुराई पर अच्छाई की जीत और अधर्म पर धर्म की जीत के प्रतीक दुर्गा पूजा उत्सव और नवरात्रि का समापन विजयादशमी यानी दशहरे के दिन होता है. मान्यता है कि देवी दुर्गा ने नवरात्रि के दसवें दिन महिषासुर का अंत किया था, इसलिए इसे विजयादशमी के रूप में मनाया जाता है, जबकि एक अन्य प्रचलित मान्यता के अनुसार, नवरात्रि में श्रीराम ने शक्ति स्वरूपा देवी दुर्गा की उपासना की थी और दसवें दिन रावण पर उन्हें विजय मिली थी, इसलिए भगवान राम की रावण पर जीत के तौर पर विजयादशमी का त्योहार मनाया जाता है.
दुर्गा पूजा बंगाली समुदाय के लोगों का एक महत्वपूर्ण त्योहार है. इस अवसर पर विभिन्न दुर्गा पंडालों में देवी दुर्गा की प्रतिमाएं स्थापित की जाती हैं और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. महिला पुरुष अपने पारंपरिक परिधान पहनते हैं. लोग एक-दूसरे को दुर्गा पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं भी देते हैं, इसके लिए आप दुर्गा मां के इन मनमोहक वॉट्सऐप स्टिकर्स, फेसबुक मैसेजेस, जीआईएफ ग्रीटिंग्स, वॉलपेपर्स, विशेज और एचडी इमेज की मदद ले सकते हैं.
1- दुर्गा पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं
2- दुर्गा पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं
3- दुर्गा पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं
4- दुर्गा पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं
5- दुर्गा पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं
दुर्गा पूजा से जुड़ी प्रचलित मान्यता के अनुसार महिषासुर नाम के असुर को ब्रह्मा से वरदान मिला था कि उसका वध एक स्त्री के अलावा संसार में और कोई नहीं कर सकता. इस वरदान को पाकर महिषासुर ने अनुमान लगाया कि संसार में ऐसी कोई स्त्री नहीं है जो उससे अधिक बलिष्ठ हो और उसे हरा सके. वरदान को पाने के बाद महिषासुर ने तीनों लोकों में आतंक मचा दिया और स्वर्ग लोक पर अपना अधिकार जमा लिया. उसके आतंक से भयभीत सभी देवता त्रिदेवों के पास मदद मांगने के लिए पहुंचे, तब भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश ने अपनी शक्तियों से शक्ति की देवी दुर्गा को प्रकट किया और उनसे महिषासुर का संहार करने के लिए कहा. महिषासुर और देवी दुर्गा के बीच नौ दिनों तक भयंकर युद्ध चला और आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को उन्होंने महिषासुर का अंत कर दिया.