Durga Puja 2019: हिंदू धर्म में नवरात्रि (Navratri) के पर्व में अधिकांश लोग नौ दिन तक व्रत रखते हैं और व्रत के नियमों का सख्ती से पालन करते हैं. नवरात्रि के दौरान नमक, प्याज, लहसुन और तामसिक चीजों से दूरी बनाकर रखी जाती है. यहां तक कि नवरात्रि के दौरान मांसाहारी भोजन (Non Vegetarian Food) के बारे में सोचना भी पाप माना जाता है, लेकिन बात करें बंगाली समुदाय (Bengalis) के लोगों की तो उनके रीति-रिवाज इससे बिल्कुल अलग हैं. नवरात्रि के दौरान बंगाल की दुर्गा पूजा (Durga Puja) काफी मशहूर है और यहां दुर्गा पूजा बहुत धूमधाम से मनाई जाती है, लेकिन बंगालियों में दुर्गा पूजा के दौरान मांसाहारी भोजन खाना जरूरी माना जाता है. मांसाहारी व्यंजन खाना बंगालियों की एक परंपरा है, जिसका पालन हर बंगाली जरूर करता है.
दरअसल, बंगाली समुदाय के लोगों की पूजा करने की विधि और प्रसाद दूसरे समुदाय के लोगों से बहुत अलग होता है. आखिर क्यों दुर्गा पूजा के दौरान बंगाली मांसाहारी भोजन का सेवन करते हैं? चलिए जानते हैं इससे जुड़ी मान्यताएं क्या कहती हैं?
बलि चढ़ाने की है परंपरा
दुर्गा पूजा के दौरान बंगाली समुदाय में देवी मां को बलि चढ़ाने की परंपरा भी है, जिसका पालन लंबे समय से किया जा रहा है. इस परंपरा के अनुसार, देवी मां को बलि चढ़ाने के बाद उसी मांस को पकाकर खाया जाता है. ऐसी मान्यता है कि दुर्गा पूजा के दौरान देवी मां अपने बच्चों के साथ अपने मायके कुछ दिनों के लिए आती हैं. बंगाली समुदाय के लोग देवी दुर्गा को अपने परिवार का अभिन्न हिस्सा मानते हैं, इसलिए वे दुर्गा पूजा के दौरान मांस, मछली और मिठाइयों के साथ कई तरह के लजीज पकवान बनाते हैं. देवी मां को ये लजीज पकवान अर्पित करने के बाद परिवार के सभी सदस्य भी उसे ग्रहण करते हैं. यह भी पढ़ें: Durga Puja 2019: बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है दुर्गा उत्सव, जानिए दुर्गा पूजा से जुड़ी खास बातें
विधवाएं करती हैं सात्विक भोजन
एक ओर जहां बंगाली समुदाय में दुर्गा पूजा के दौरान मांसाहारी भोजन खाने का रिवाज है तो वहीं दूसरी तरफ यह भी मान्यता है कि विधवा महिलाओं को मांसाहारी भोजन नहीं करना चाहिए. सुहागन महिलाएं इस दौरान मांस-मछली खा सकती हैं, लेकिन विधवा महिलाएं पारंपरिक सात्विक भोजन ही करती हैं उन्हें मांसाहारी भोजन करने की मनाही होती है.
अन्य राज्यों में भी खाते हैं नॉनवेज
केवल बंगाली ही दुर्गा पूजा के दौरान मांसाहारी व्यंजन नहीं खाते हैं, बल्कि इस दौरान कई राज्यों के ब्राह्मण भी मांस-मछली जैसी मांसाहारी चीजों का सेवन करते हैं. प्रचलित मान्यताओं के अनुसार, वैदिक काल में हिमालयन जनजाति और हिमालय के आसपास रहने वाले समुदाय के लोगों का मानना था कि देवी दुर्गा और मां चंडिका को शराब व मांस प्रिय है. इसी मान्यता के चलते देवी मां खुश करने के लिए यहां के ब्राह्मण उन्हें मांस और मदिरा अर्पित करते थे और उन्हें अर्पित करने के बाद खुद भी उसका सेवन करते थे. उत्तराखंड और राजस्थान में भी देवी के सम्मान में बलि चढ़ाते हैं और फिर प्रसाद के तौर पर उसका सेवन करते हैं. यह भी पढ़ें: Durga Puja Wishes And Messages In Hindi 2019: दुर्गा पूजा के शुभ अवसर पर ये हिंदी Facebook Greetings, WhatsApp Status, GIFs, HD Wallpapers और SMS भेजकर दोस्तों और रिश्तेदारों को दें शुभकामनाएं
गौरतलब है कि भारत में विभिन्न धर्मों, जातियों और समुदाय के लोगों की परंपराएं भी एक-दूसरे से भिन्न-भिन्न हैं, इसलिए ये लोग अपनी-अपनी परंपराओं का पालन करते हैं और अपनी परंपरा के अनुसार सभी त्योहार मनाते हैं.
नोट- इस लेख में दी गई तमाम जानकारियों को प्रचलित मान्यताओं के आधार पर सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है और यह लेखक की निजी राय है. इसकी वास्तविकता, सटीकता और विशिष्ट परिणाम की हम कोई गारंटी नहीं देते हैं. इसके बारे में हर व्यक्ति की सोच और राय अलग-अलग हो सकती है.