Dev Diwali 2020: देव दीपावली की पूर्व संध्या पर काशी का चेत सिंह घाट लेजर प्रोजेक्शन, लाइट और साउंड शो से हुआ रोशन, देखें मनमोहक तस्वीरें
भगवान शिव की पावन नगरी काशी यानी वाराणसी में देव दिवाली का उत्सव बहुत ही भव्य और दिव्य तरीके से मनाया जाता है. ऐसा की भव्य नजारा देव दिवाली की पूर्व संध्या पर देखने को मिला, जब देव दीपावली की पूर्व संध्या पर काशी का चेत सिंह घाट लेजर प्रोजेक्शन, लाइट और साउंड शो से रोशन हो गया. इसकी मनमोहक तस्वीरें सामने आई हैं.
Dev Diwali 2020: धार्मिक और पौराणिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) के दिन सभी देवी-देवता देव दिवाली (Dev Diwali) का पर्व मनाने के लिए स्वर्ग से धरती पर भगवान शिव (Lord Shiva) की पावन नगरी काशी (Kashi) आते हैं. देवों की दिवाली को देव दीपावली (Dev Deepawali) भी कहते हैं. इस दिन काशी में गंगा के घाटों (Ganga Ghats) को सजाया जाता है और दीयों की रोशनी से रोशन किया जाता है. इस दिन भारी तादाद में श्रद्धालु गंगा नदी में आस्था की डुबकी लगाते हैं और पुण्य अर्जित करते हैं. देव दिवाली के दिन दीपदान किया जाता है और बनारस के 84 घाट लाखों दीयों की रोशनी से रोशन हो जाते हैं.
भगवान शिव की पावन नगरी काशी यानी वाराणसी में देव दिवाली का उत्सव बहुत ही भव्य और दिव्य तरीके से मनाया जाता है. ऐसा ही भव्य नजारा देव दिवाली की पूर्व संध्या पर देखने को मिला, जब देव दीपावली की पूर्व संध्या पर काशी का चेत सिंह घाट (Chet Singh Ghat) लेजर प्रोजेक्शन (Laser Projection), लाइट और साउंड शो (Light and Sound Show) से रोशन हो गया. इसकी मनमोहक तस्वीरें सामने आई हैं. यह भी पढ़ें: Kartik Purnima 2020: कार्तिक पूर्णिमा का स्नान-दान आज, प्रयागराज और वाराणसी में श्रद्धालुओं ने गंगा नदी में लगाई आस्था की डुबकी
देखें तस्वीरें-
उधर, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने देव दिवाली की पूर्व संध्या पर लेजर प्रोजेक्शन, लाइट और साउंड शो की तस्वीरों को शेयर करते हुए कैप्शन लिखा है- देव दीपावली की पूर्व संध्या पर हम सभी की धर्मनगरी काशी में घाटों की मनोहारी छठा… यह आप सभी का नया उत्तर प्रदेश है. यह भी पढ़ें: Dev Diwali 2020 Hindi Wishes: शुभ देव दीपावली! इन प्यारे Facebook Greetings, WhatsApp Messages, GIF Images, Quotes के जरिए सभी को दें बधाई
काशी के घाटों की मनमोहक तस्वीरें-
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लिया था, जबकि भगवान शिव ने त्रिपुरारी अवतार लेकर त्रिपुरासुर का अंत किया था, इसी खुशी में देवताओं ने देव दिवाली का उत्सव मनाया था. इस दिन दीयों की रोशन से पूरी काशी नगरी गुलजार हो जाती है. शाम के समय काशी के सभी गंगा घाट लाखों दीयों की रोशनी और सराबोर नजर आते हैं.