Dev Deepawali 2020 Rangoli Design: देव दीपावली के शुभ पर्व पर देवों के आगमन के लिए बनाएं यह खास रंगोली, देखे अनोखे, आकर्षक और लेटेस्ट डिजाइन्स (Watch Tutorial Video)
दिवाली 2020 रंगोली डिजाइन्स (Photo Credits: Instagram)

Dev Deepawali 2020 Rangoli Design: उत्तर प्रदेश के वाराणसी (Varanasi) और काशी (Kashi) में दो बार दिवाली मनाई जाती है. जिसे देव दीपावली (Dev Deepwali) के नाम से जाना जाता है. दिवाली के 15 दिन बाद देव दीपावली का पर्व मनाया जाता है. देव दीपावली में हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है. इस साल 29 नवंबर 2020 को कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दीपावली मनाई जाएगी. मान्यता है कि भगवान शिव (Lord Shiva) के त्रिपुरासुर को मारकर उस पर जीत हासिल करने की याद में यह पर्व मनाया जाता है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर का वध किया था, त्रिपुरासुर से मुक्ति और भगवान शिव की जीत की खुशी में देवता काशी में आए थे और चारों ओर दीप जलाकर दिवाली मनाई थी. ऐसा कहा जाता है तबसे देवता धरती पर उतरते हैं और देव दीपावली मनाते हैं. इस दिन हजारों भक्त कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा में पवित्र स्नान करते हैं और वाराणसी के 88 और काशी के 84 घाटों को शाम को लाखों की संख्या में दीये जलाये जाते हैं.

माना जाता है कि इस दिन दीप दान करने से सभी देवताओं का आशीर्वाद मिलता हैं. कार्तिक पूर्णिमा के दिन दीया जलाने से घर में यश और कीर्ति आती है. गंगा घाट पर देव दीपावली के दिन लाखों दीए को जलाए जाते हैं. गंगा किनारे ही नहीं इस दिन बनारस के सभी मंदिर दीयों की रोशनी से जगमगा उठती है. देवों के आगमन के लिए लोग अपने घरों के बाहर रंगोली बनाते हैं. हिंदू धर्म में रंगोली को शुभ माना जाता है. इसके अवाला रंगोली की डिज़ाइन के अनुसार घर से बुरी आत्माओं और दोषों को दूर रखती हैं. रंगोली के सुंदर रंग घर में खुशहाली एवं सुख-समृद्धि लाते हैं. रंगोली केवल रंगों की सहायता से नहीं बल्कि इसे फूलों, लकड़ी या किसी अन्य वस्तु के चूर्ण या चावल आदि अन्न का उपयोग करके भी बनाया जाता है. देखें रंगोली के कुछ खास, अनोखे, आकर्षक और लेटेस्ट डिजाइन्स.

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1. देव दिवाली स्पेशल रंगोली

2. दीया रंगोली डिजाइन

3. सुंदर और आसान दीया रंगोली डिजाइन

4. सुंदर और आकर्षक कोलम रंगोली डिजाइन

5. सरल और आसान बॉर्डर रंगोली डिजाइन

6. बहुरंगी रंगोली डिजाइन

7. फूलोंवाली रंगोली डिजाइन

8. फुल और पत्तों से बनीं रंगोली डिजाइन

हिंदू धर्म में किसी भी त्योहार, व्रत, पूजा, उत्सव और विवाह आदि शुभ अवसरों पर रंगोली बनाई जाती है. रंगोली को द्वार की देहरी, आंगन और किसी निश्चित स्थान के बीच में या चारों ओर बनाया जाता है. भारतीय परंपराओं में रंगोली धार्मिक और सांस्कृतिक आस्थाओं का प्रतीक है. कार्तिक पूर्णिमा का महत्व महाभारत से भी जुड़ा है. पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब कौरवों और पांडवों के बीच महाभारत का युद्ध समाप्त हुआ तब पांडव इस बात को लेकर बहुत ही परेशान और दुखी हुए कि युद्ध में उनके कई सगे-संबंधियों की मृत्यु हो गई.

असमय मृत्यु के कारण वे सोचने लगे कि इनकी आत्मा को शांति कैसे मिलेगी.  तब भगवान श्रीकृष्ण ने पांडवों को चिंता को दूर करने के लिए कार्तिक शुक्लपक्ष की अष्टमी से लेकर कार्तिक पूर्णिमा तक पितरों की आत्मा की तृप्ति के लिए तर्पण और दीपदान करने को कहा था. तभी से कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान और पितरों को तर्पण देने के लिए इस तिथि का महत्व होता है.