Dahi Handi 2019 Wishes in Hindi: दही हांडी (Dahi Handi) को भगवान श्रीकृष्ण (Lord Krishna) की बाल लीलाओं का उत्सव माना जाता है. कृष्ण जन्माष्टमी (Krishna Janmashtami) के अगले दिन दही हांडी उत्सव (Dahi Handi Festival) को बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. अगर जन्माष्टमी कान्हा के जन्मोत्सव की खुशियां मनाने का पर्व है तो दही हांडी उनकी बाल लीलाओं की झांकी दिखाने का उत्सव है. पहले दही हांडी का उत्सव मुख्य रूप से महाराष्ट्र और गुजरात में मनाया जाता था, लेकिन अब यह उत्सव देश के अधिकांश हिस्सों में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की खुशियां मनाने के लिए बच्चे और युवा गोविंदा बनकर जन्माष्टमी के अगले दिन दही हांडी का आयोजन करते हैं.
इस अवसर पर जगह-जगह चौराहों पर दही और मक्खन से भरी मटकियां लटकाई जाती हैं और गोविंदा मानव पिरामिड बनाकर एक-दूसरे के ऊपर चढ़ते हैं और मटकी को तोड़ा जाता है. कृष्ण की बाल लीलाओं के इस उत्सव को और भी खास बनाने के लिए आप इन शानदार मैसेजेस और ग्रीटिंग्स (Dahi Handi Wishes and Messages) को अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और प्रियजनों को भेज सकते हैं.
1- राधा की चाहत है कृष्ण,
उनके दिल की विरासत है कृष्ण,
चाहे कितना भी रास रचा लें कृष्ण,
दुनिया तो फिर भी कहती है,
राधे-कृष्ण, राधे-कृष्ण.
दही हांडी की शुभकामनाएं. यह भी पढ़ें: Dahi Handi 2019 Wishes: गोविंदा आला रे... अपने प्रियजनों को WhatsApp Stickers, Facebook Greetings, GIFs और SMS के जरिए ये मैसेजेस भेजकर दें दही हांडी की शुभकामनाएं
2- माखन खावे, शोर मचावे,
गोपियों के संग रास रचावे,
मुरली बजा के मन हर्षावे,
ऐसे हैं नटखट नंद गोपाल...
दही हांडी की शुभकामनाएं.
3- गोविंदा आला रे आला,
जरा मटकी संभाल बृजबाला,
अरे एक दो तीन चार...
संग पांच छह सात हैं ग्वाला....
दही हांडी की शुभकामनाएं. यह भी पढ़ें: दही हांडी का त्योहार कब है? जानिए कैसे हुई थी इस परंपरा की शुरुआत और क्या है इसका महत्व
दही हांडी 2019 (Photo Credits: File Image)4- वो मोर मुकुट, वो नन्द लाला,
वो मुरली मनोहर, वो बंसी वाला,
वो माखन चोर, वो ब्रज लाला,
वो नटखट कान्हा है सबका दुलारा.
दही हांडी की शुभकामनाएं.
5- कन्हैया हमारे दुलारे, वही सबसे प्यारे,
माखन के लिए झगड़ जाएं,
गोपियां देखकर आकर्षित हो जाएं.
फिर भी वो हैं सबके रखवाले.
दही हांडी की शुभकामनाएं. यह भी पढ़ें: Lord Krishna Quotes: भगवद् गीता से भगवान श्रीकृष्ण के ये 10 अनमोल वचन जीवन के प्रति बदल सकते हैं आपका नजरिया
दरअसल, भगवान श्रीकृष्ण को दही और माखन अतिप्रिय था, इसलिए वो अक्सर गोपियों की मटकियों से माखन चुराकर खाया करते थे. ऐसे में गोपियां कन्हैया से अपने दही-माखन को बचाने के लिए मटकियों और हांडियों को ऊंचाई पर टांग देती थीं, लेकिन नटखट कृष्ण बड़ी ही चतुराई से अपने दोस्तों के ऊपर चढ़कर मटकी से दही और माखन चुरा लेते थे. अपनी इसी शरारत में वो कई बार मटकियां फोड़ देते थे, इसलिए उनकी बाल लीलाओं को याद करते हुए दही हांडी का उत्सव हर साल जन्माष्टमी के अगले दिन मनाया जाता है.