Chhath Puja 2019: बड़ा कठिन है छठ मइया का व्रत, किसी अनिष्ट से बचने के लिए बरतें ये सावधानियां
छठ पूजा 2019 (Photo Credits: IANS)

Chhath Puja 2019: हिंदू पंचांग के अनुसार छठ पूजा (Chhath Puja 2019) का समारोह कार्तिक मास की शुक्लपक्ष की चतुर्थी से शुरू होकर सप्तमी तक चलता है. अंग्रेजी कैलेंडर में छठ पूजा (Chhath Puja) 2 और 3 नवंबर 2019 को दर्शाया गया है. यह पर्व ‘नहाय खाय’ से शुरु होकर चार दिनों तक सूर्योदय पर सूर्य को अर्घ्य देने के बाद समाप्त होता है. मान्यतानुसार इस पर्व पर सूर्य (Surya Bhagwan) एवं उनकी छोटी बहन छठ मइया (Chhath Maiya) की पूजा पूरे विधि-विधान से की जाती है. ज्योतिषियों का कहना है कि छठ मइया की पूजा करते समय कुछ सावधानियां बरतनी बहुत जरूरी है, क्योंकि छोटी-सी भूल या गलती का बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है.

छठ पूजा के दौरान बरतें ये सावधानियां-

  • छठ पूजा की सबसे बड़ी प्रक्रिया सूर्य को अर्घ्य देना है, अतः अर्घ्य अवश्य देना चाहिए.
  • सर्वप्रथम ध्यान दें कि जिस टोकरी (डाली या डवरा) में आप पूजा की सारी सामग्री और प्रसाद ले जा रहे हैं, वह साफ-सुथरा तो है ना.
  • पूजा के सामान की टोकरी पूरी तरह से भरी होनी चाहिए, आधी भरी टोकरी दोषपूर्ण होती है.
  • पूजा की यह टोकरी घर में जिस स्थान पर रखा गया है, वह जगह तो साफ होनी ही चाहिए साथ बिना नहाये कोई भी व्यक्ति टोकरी के आसपास भी नहीं जाना चाहिए.
  • छठ मइया का प्रसाद बनाते समय मौन व्रत रखना चाहिए. प्रसाद बनाते समय तक जल भी ग्रहण नहीं करना चाहिए. यह भी पढ़ें: Chhath Puja 2019 Wishes & Images: महापर्व छठ के शुभ अवसर पर हिंदी में WhatsApp, Facebook Messages और Greetings भेजकर अपनों को दें शुभकामनाएं
  • छठ पूजा का प्रसाद जिस भी टोकरी में ले जा रहे हैं, वह बांस का बना होना चाहिए, क्योंकि बांस को सबसे पवित्र माना जाता है.
  • छठ मइया का प्रसाद बनाते समय साफ-सफाई और पवित्रता का पूरा ध्यान रखना चाहिए.
  • जो भी व्यक्ति प्रसाद तैयार करता है उसे पहले स्नान करके ही प्रसाद में हाथ लगाना चाहिए.
  • जब तक घर में प्रसाद रहे (पूजा के पूर्व से पूजा के बाद तक) घर में मांसाहारी खाना नहीं आना चाहिए.
  • प्रसाद तैयार होने तक इसे बनाने वाले व्यक्ति को उपवास रहना चाहिए. प्रसाद बनाने के बाद वह खाना खा सकता है.
  • सूर्य देव को अर्घ्य देते समय छठ मइया का प्रसाद उनके पास नहीं होना चाहिए.
  • अर्घ्य देते समय आपको चांदी, स्टील, कांच और प्लास्टिक आदि से बने बर्तनों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए.
  • अगर आपने छठ मइया की पूजा के समय किसी तरह की मन्नत मानी है और मन्नत पूरी हो गयी है तो आपको उस प्रतिज्ञा को यथाशीघ्र पूरी कर लेनी चाहिए, जो मन्नत पूरी होने पर आपने करने के लिए कहा था.
  • जहां पर प्रसाद बनाया जा रहा है या जहां पर प्रसाद रखा गया है, वहां खाना नहीं खाना चाहिए.
  • जिस व्यक्ति ने छठ का व्रत रखा है, उसके साथ बुरा व्यवहार नहीं करना चाहिए. बल्कि व्रत रखने वाले की हर संभव मदद करनी चाहिए.
  • कार्तिक मास की शुक्लपक्ष की षष्ठी की रात मिट्टी का जो दीपक आपने प्रज्जवलित किया है, उसे रात भर जलते रहना जरूरी है.
  • छठ का यह पर्व कई कठोर अनुष्ठानों में एक है, अगर कोई इस व्रत अथवा अनुष्ठान को शुरू करना चाहता है तो उसे इस व्रत से अच्छी तरह परिचित हो जाना चाहिए. यह भी पढ़ें: Chhath Puja 2019 Vrat: यह व्रत करने से पुत्र-लाभ के साथ सुख, शांति और समृद्धि की होती है प्राप्ति, जानें पूजा विधि और कथा
  • छठ का यह पर्व ठिठुरती ठंड में मनाया जाता है, ऐसे में सायंकाल में सूर्यास्त के समय और प्रातःकाल सूर्योदय के समय बर्फीले पानी में स्नान करना और सूर्य को अर्घ्य देना अपने आपमें एक कठिन व्रत के रूप में देखा जाता है.

गौरतलब है कि छठ के प्रसाद में केले का पूरा गुच्छा छठी मइया को भेंट करने की परंपरा है. गन्ने का भी पूजन में विशेष महत्व है, इसलिए पूजा के प्रसाद में इन दोनों वस्तुओं का होना जरूरी है.

नोट- इस लेख में दी गई तमाम जानकारियों को प्रचलित मान्यताओं के आधार पर सूचनात्मक उद्देश्य से लिखा गया है और यह लेखक की निजी राय है. इसकी वास्तविकता, सटीकता और विशिष्ट परिणाम की हम कोई गारंटी नहीं देते हैं. इसके बारे में हर व्यक्ति की सोच और राय अलग-अलग हो सकती है.