Ahoi Ashtami Tara Rise Time: अपने संतान की अच्छे स्वास्थ और लंबी आयु के लिए माएं अहोई अष्टमी (Ahoi Ashtami) का व्रत रखती हैं. यह पवित्र व्रत मां अहोई को समर्पित है. परंपरागत रूप से, यह व्रत बेटों के लिए रखा जाता था, लेकिन आधुनिक समय में यह बेटों और बेटियों दोनों के लिए रखा जाता है. यह वरात आज 13 अक्टूबर को मनाया जा रहा है. अहोई अष्टमी, को अहोई आठे (Ahoi Aathe) के नाम से भी जाना जाता है, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को, दिवाली से लगभग आठ दिन पहले और करवा चौथ के चार दिन बाद आती है. यह व्रत उत्तर भारत, खासकर उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान जैसे राज्यों में मनाया जाता है. इस दिन माएं अपने बच्चों की लंबी उम्र के लिए अहोई माता की पूजा करती हैं. यह त्योहार आस्था, उपवास और भक्ति के साथ मनाया जाता है, जो मां के निस्वार्थ प्रेम का प्रतीक है. यह भी पढ़ें: Dhanteras Date 2025: धनतेरस कब है 18 या 19 अक्टूबर को? जानें इसका महत्व, मूल-तिथि, विभिन्न शहरों में धनतेरस पूजा के मुहूर्त एवं पूजा-विधि के बारे में?
अहोई अष्टमी के दिन, मांएं सूर्योदय से लेकर शाम को तारों के दर्शन तक कठोर व्रत रखती हैं. परंपरागत रूप से, यह व्रत निर्जला होता है, हालांकि आजकल कुछ माताएं दिन में पानी भी पीती हैं. अहोई माता की पूजा के दौरान, महिलाएं गेरू और चाँदी के आभूषणों से दीवार पर अहोई माता की आकृति बनाती हैं और उसकी पूजा करती हैं. पूजा के दौरान एक माँ और उसके सात बेटों की कथा सुनाई जाती है, जो क्षमा और दिव्य आशीर्वाद का प्रतीक है. देवी को चावल, रोली और दूध का भोग लगाया जाता है.
शाम को माताएं तारे देखने के बाद व्रत तोड़ती हैं, नीचे हमनें शहरों के अनुसार तारे दिखने की टाइमिंग दी है.
Ahoi Ashtami Tara Rise Time:
| City | Star Rise Time |
| Delhi | 6:17 PM IST |
| Mumbai | 6:20 PM IST |
| Gurgaon | 6:20 PM IST |
| Noida | 6:20 PM IST |
| Kolkata | 6:08 PM IST |
| Chennai | 6:08 PM IST |
| Bangalore | 6:17 PM IST |
| Hyderabad | 6:17 PM IST |
| Lucknow | 6:17 PM IST |
| Patna | 6:09 PM IST |
| Jaipur | 6:20 PM IST |
| Bhopal | 6:17 PM IST |
| Ujjain | 6:17 PM IST |
| Indore | 6:17 PM IST |
| Nagpur | 6:17 PM IST |
| Ahmedabad | 6:20 PM IST |
| Surat | 6:20 PM IST |
| Vadodara | 6:20 PM IST |
| Chandigarh | 6:17 PM IST |
| Dehradun | 6:17 PM IST |
| Shimla | 6:17 PM IST |
| Amritsar | 6:17 PM IST |
| Varanasi | 6:10 PM IST |
| Kanpur | 6:12 PM IST |
| Agra | 6:17 PM IST |
| Gwalior | 6:17 PM IST |
| Raipur | 6:17 PM IST |
| Bilaspur | 6:10 PM IST |
| Ranchi | 6:10 PM IST |
| Jamshedpur | 6:10 PM IST |
| Bhubaneswar | 6:09 PM IST |
| Cuttack | 6:09 PM IST |
| Patiala | 6:17 PM IST |
| Ludhiana | 6:17 PM IST |
| Jalandhar | 6:17 PM IST |
| Srinagar | 6:17 PM IST |
| Leh | 6:17 PM IST |
| Imphal | 6:17 PM IST |
| Shillong | 6:17 PM IST |
| Gangtok | 6:17 PM IST |
| Itanagar | 6:17 PM IST |
| Agartala | 6:17 PM IST |
| Aizawl | 6:17 PM IST |
| Kohima | 6:05 PM IST |
| Dimapur | 6:05PM IST |
| Guwahati | 6:06 PM IST |
| Dibrugarh | 6:05 PM IST |
| Tezpur | 6:05 PM IST |
| Silchar | 6:05 PM IST |
| Jorhat | 6:06 PM IST |
| Tinsukia | 6:06PM IST |
| Bongaigaon | 6:17 PM IST |
| Nagaon | 6:17 PM IST |
| Karimganj | 6:17 PM IST |
| Barpeta | 6:17 PM IST |
| Bongaigaon | 6:17 PM IST |
| Dhubri | 6:17 PM IST |
| Goalpara | 6:17 PM IST |
| Hailakandi | 6:17 PM IST |
| Jorhat | 6:17 PM IST |
| Lakhimpur | 6:17 PM IST |
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार एक मां ने मिट्टी खोदते समय गलती से एक शेर के बच्चे को चोट पहुंचा दी थी. जिसके बाद शाप लगने के बाद एक मां के सात बेटे एक- एक करके मर गए. मां को अपनी गलती का पश्चाताप हुआ और उसने अहोई माता से प्रार्थना की, जिन्होंने उसे आशीर्वाद दिया और उसके सभी बेटों को जीवनदान दिया. तब से माएं अपने बच्चों की क्षमा और सुरक्षा की कामना करते हुए अहोई अष्टमी का व्रत रखती हैं.













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