Chhath Puja 2019: आज पूरे देश में छठ पूजा मनाई जा रही है, शाम को जगह-जगह घाटों और तालाबों के पास बहुत भीड़ इकठ्ठा होगी. इस दिन महिलाएं सज धजकर टोकरी और सुपली में सूर्य देव को चढ़ाने के लिए तरह तरह की मिठाई और फल लेकर जाती हैं. छठ चार दिनों का त्योहार है, इस व्रत में भगवान सूर्य की उपासना करते हैं. ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से घर में सुख समृद्धि, संतान सुख की प्राप्ति होती है. यही नहीं सूर्य देव की उपासना करने से सेहत संबंधी कई फायदे होते हैं. छठ पर्व का पौराणिक महत्व तो है ही लेकिन इसके कुछ वैज्ञानिक महत्व भी हैं.
आम जिंदगी में लोग मसाले और तेल से भरा खाना खाते हैं, लेकिन छठ के दौरान तीन दिन तक बिना मसाला, तेल का उबला हुआ भोजन करना पड़ता है. जिससे शरीर को स्वास्थ्य संबंधित बहुत सारे लाभ होते हैं. साल में ऐसा तीन दिन आता है, जब लोग सात्विक भोजन करते हैं. व्रती की वजह से घर के सभी लोगों को यही खाना, खाना पड़ता है. क्योंकि छठ पूजा वाले घर में प्याज और लहसुन का खाना नहीं बनाया जाता है. जिसकी वजह से छठ व्रत का लाभ घर के सभी लोगों को होता है.
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सूर्य उर्जा के लिए ऋषि मुनि करते थे उपासना:
छठ पूजा का विधि विधान व्रती को सौर उर्जा के अवशोषण के लिए तैयार करता है. ऐसा प्राचीन काल में होता था, जब ऋषि मुनि सूर्य उर्जा प्राप्त करने के लिए भोजन और पानी त्याग कर सूर्य की उपासना करने के लिए घंटों नदी के पानी में खड़े रहते थे, इससे उन्हें उर्जा प्राप्त होती थी. कई पौराणिक कहानियों में भी यह उल्लेख है कि कर्ण सूर्य निकलने से पहले नदी पर सूर्य उपासना के लिए जाते थे और तब तक नदी के पानी में खड़े रहते थे जब तक सूर्य निकलकर उनके सिर पर नहीं आ जाते और सूर्य की गर्मी से उनका शरीर जलने न लगता. ऐसा करने की वजह से कर्ण में बहुत ज्यादा तेज और ऊर्जा थी, जो उन्हें सूर्य उपासना से प्राप्त होती थी.
इस दिन बनने वाले विशेष संयोग से होते हैं स्वास्थ्य लाभ:
छठ पूजा विशेष संयोग के बनने पर शुरू होता है, इसलिए भी इसके स्वास्थ्य संबंधी फायदे हैं. षष्ठी तिथि (छठ) एक विशेष खगोलीय अवसर होता है. इस समय सूर्य की पराबैंगनी किरणें पृथ्वी की सतह पर सामान्य से अधिक मात्रा में एकत्र हो जाती हैं. उसके संभावित कुप्रभावों से रक्षा करने का सामर्थ्य इस परंपरा में रहा है.
माना जाता है कि डूबते हुए और उगते हुए सूर्य को अर्घ देने से इसकी रोशनी के प्रभाव में आने से कोई चर्म रोग नहीं होता और इंसान निरोगी रहता है.