Bonphool Honey! बड़े ब्रैंड्स के पर्दाफाश के बाद, मार्केट में बनफुल हनी की मांग बढ़ी, सुंदरवन के इस शुद्ध जैविक शहद के बारे में जानें सब कुछ
बनफूल हनी, (फोटो क्रेडिट्स ट्विटर /परवीन कासवान)

सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (Centre for Science and Environment) (CSE) की अगुवाई में एक जांच ने चौंकाने वाला खुलासा किया कि भारत के टॉप शहद ब्रांड मिलावटी शहद बेचते हैं. मार्केट में बिकनेवाले शहद के 13 ब्रैंड्स में से केवल 3 ने टेस्ट पास किया है और बाकी 10 में शुगर सिरप और शहद पाया गया. जो लोग इन "ब्रांडेड" शहद का सेवन कर रहे थे, उन्होंने इस खुलासे के बाद से ही विश्वसनीय और जैविक शहद की तलाश शुरू कर दी है. पश्चिम बंगाल में सुंदरबन के जंगलों में बनफूल शहद (Bonphool Honey) बनाए जाते हैं. भारतीय वन सेवा के अधिकारी ने बनफूल के बारे में बात करने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया, उन्होंने कहा सोशल मीडिया के पावर को धन्यवाद, शहद की बोतलें अब आउट ऑफ स्टॉक चल रही हैं.

दिल्ली में स्थित एक नॉन प्रॉफिट साइंस और इनवायरमेंट सेंटर ने बताया कि भारत में प्रमुख शहद ब्रांड शहद के नाम पर संशोधित चीनी सिरप बेच रहे हैं. हालांकि कुछ ने अपनी गुणवत्ता पर उठे सवाल को डिफेंड किया. उपभोक्ताओं ने पहले से ही मिलावट वाली शहद की जगह प्योर शहद की खोज में अपना ध्यान केंद्रित कर लिया है. इस बीच IFS अधिकारी परवीन कासवान सुंदरबन के जंगलों के बनफूल हनी के बारे में बात करने वाले पहले शख्स है, जो अंधरे में लोगों के लिए रोशनी ले आए हैं. सुंदरबन के पारंपरिक शहद संग्राहकों द्वारा गठित संयुक्त वन प्रबंधन समिति शहद उत्पाद को बाहर बेचने में मदद करती है. मौलिस लोग सुंदरबन में शहद-इकट्ठा करते हैं. इनके ट्वीट के बाद से लोग बनफूल शहद के लिए ऑर्डर कर रहे हैं और स्टॉक खत्म हो रहे हैं. यह भी पढ़ें: जरुरी जानकारी एफएसएसएआई ने सीएसई परीक्षणों के विवरण मांगे, शहद का एसएमआर जांच नहीं करने पर सववाल उठाये

देखें ट्वीट:

उन्होंने कहा कि पिछले तीन दिनों में 12 लाख रुपये से अधिक मूल्य के शहद बेचे गए हैं और सभी पैसे सुंदरवन के वन ग्रामीणों को लाभान्वित करेंगे.

दो दिनों के भीतर 5000% की वृद्धि हुई है, सभी को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद:

अमेजन पर मौजूद:

बनफूल शहद क्यों इतना खास है?

'बन ’का मतलब जंगल होता है और' फूल’ का मतलब फूल होता है, इसका मतलब जंगल के फूलों का शहद. बनफूल हनी पश्चिम बंगाल में सुंदरबन मैंग्रोव फॉरेस्ट के मौलिस द्वारा एकत्र किया गया 100% शुद्ध प्राकृतिक मैंग्रोव शहद है. इसमें किसी भी प्रकार की चीनी, रसायन या संरक्षक नहीं है. मैंग्रोव फूलों के कारण, इसकी एक अलग सुगंध और विशेष स्वाद है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, यह पहल संथोष गुब्बी आर (2018-2020 के बीच प्रभागीय वन अधिकारी) के और डॉ. एम.वी. राव, (अतिरिक्त मुख्य सचिव, पंचायत और पश्चिम बंगाल सरकार में ग्रामीण विकास विभाग) द्वारा की गई थी.

शहद उत्पादन Moulis के आय का स्रोत है. वे क्षेत्रों में मानव-जंगली संघर्ष से बचने के लिए नामित वन शिविरों में काम करते हैं. लेकिन शहद संग्रह के लिए सामान कौशल की आवश्यकता होती है, लेकिन इन लोगों के पास केवल कपड़े के टुकड़े के अलावा कोई भी सुरक्षात्मक गियर नहीं होते हैं. वे मधुमक्खियों के पुनर्जनन को सुनिश्चित करने के लिए पित्ती को नष्ट नहीं करते हैं. वे हर साल मार्च से मई तक काम करते हैं लेकिन इस बार कोरोनोवायरस लॉकडाउन और अम्फान चक्रवात के कारण उनका काम बुरी तरह प्रभावित हुआ. शहद का संग्रह और पैकेजिंग पूरी तरह से बंद हो गया था. लेकिन चीजें अब उनके लिए उज्जवल हो चुकी हैं. यह शहद अमेज़न और फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स साइटों पर उपलब्ध है. अगर आप वैकल्पिक और शुद्ध शहद की तलाश में हैं, तो आप जानते हैं कि आपको  क्या चुनना है.