Basant Panchami 2022: बसंत पंचमी कब है? जाने इस दिन क्या करें और क्या नहीं व शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, बसंत पंचमी का पर्व माघ मास के शुक्लपक्ष की पंचमी के दिन मनाया जाता है. इस दिन पीले वस्त्र धारण करके मां सरस्वती की पीली वस्तुएं अर्पित कर पूजा-अर्चना की जाती है. इस दिन संपूर्ण धरा सरसों के पीले फूलों, गेहूँ की सुनहरी पीली बालियों एवं गेंदे, एवं कनेर के पीले फूलों से आच्छादित होने के कारण सर्वत्र बासंती नजर आता है.
हिंदू पंचांग के अनुसार, बसंत पंचमी का पर्व माघ मास के शुक्लपक्ष की पंचमी के दिन मनाया जाता है. इस दिन पीले वस्त्र धारण करके मां सरस्वती की पीली वस्तुएं अर्पित कर पूजा-अर्चना की जाती है. इस दिन संपूर्ण धरा सरसों के पीले फूलों, गेहूँ की सुनहरी पीली बालियों एवं गेंदे, एवं कनेर के पीले फूलों से आच्छादित होने के कारण सर्वत्र बासंती नजर आता है. मान्यता है कि इस दिन मां सरस्वती की पूजा-अर्चना करने से ज्ञान, बुद्धि, और विद्या का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इस वर्ष बसंत पंचमी का पर्व 5 फरवरी 2022, शनिवार के दिन मनाया जाएगा. बसंत पंचमी के पर्व का संपूर्ण पुण्य तभी प्राप्त होता है, जब हम उन बातों का ध्यान रखें कि हमें इस दिन क्या क्या करना चाहिए और किन बातों से परहेज रखना चाहिए.
आइये जानें कि बसंत पंचमी के दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं.
* बसंत पंचमी के दिन माँ सरस्वती का प्रकाट्य हुआ था इसीलिए इस दिन किसी भी गरीब एवं असहाय का अपमान नहीं करना चाहिए.
* मान्यता है कि बसंत पंचमी के दिन सृष्टि को स्वर एवं संगीत प्राप्त हुआ था, इसलिए इस दिन किसी को अपशब्द नहीं कहना चाहिये, ना ही झगडा करना चाहिए.
* इस दिन भूलकर भी मांसाहारी खाद्य-पदार्थों अथवा मद्यपान का सेवन नहीं करना चाहिए. यह भी पढ़ें : Ganesh Jayanti 2022: जीवन में सुख, समृद्धि एवं सौभाग्य के लिए गणेश जयंती पर इन शक्तिशाली मंत्रों का जाप करें!
* बसंत पंचमी के दिन काले अथवा रंग-बिरंगे वस्त्रों के बजाय श्वेत अथवा पीले वस्त्र पहनने चाहिए.
* हिंदू धर्म को मानने वाले बहुत से लोग बसंत पंचमी के दिन पितृतर्पण आदि भी करते हैं. विशेष रूप से दक्षिण भारत में ऐसा होता है.
* माँ सरस्वती की जयंती होने के कारण इस दिन ब्रह्मचर्य का पालन आवश्यक रूप से करना चाहिए.
* इस दिन पेड़-पौधे नहीं काटने से बचना चाहिए.