इन दिनों सर्वत्र दीपावली के पटाखे और देश के विभिन्न शहरों में हवा में जहर घुलने की चर्चा चल रही है. कहीं दीवाली के पटाखों पर पूरा प्रतिबंध लगाया गया है तो कहीं आंशिक प्रतिबंध है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के ताजा अपडेट के मुताबिक, 29 और 30 अक्टूबर को दिल्ली एनसीआर का औसत AQI 274 मापा गया, कहीं-कहीं यह 300 का आंकड़ा भी पार कर गया है. वहीं मुंबई की भी स्थिति अच्छी नहीं है. CPCB की रिपोर्ट के अनुसार मुंबई का AQI 170 के पार पहुंच गया है. ऐसे में दीपावली पर पटाखों पर प्रतिबंध अनुचित नहीं लगता. इस संदर्भ में स्वास्थ्य विभाग भी चेता रहे हैं, कि दीपावली पर पटाखे कम से कम छोड़े जाएं, क्योंकि सेहत से ऊपर कुछ भी नहीं है. दिल्ली के चिकित्सक डॉक्टर जितेंद्र सिंह गुसाईं यहां बता रहे हैं कि वायु प्रदूषण हमारी सेहत को किस तरह से नुकसान पहुंचा सकते हैं.
डॉक्टर जितेंद्र सिंह के अनुसार पटाखों से निकलने वाला धुआं और केमिकल्स अस्थमा और अन्य श्वसन समस्याओं को बढ़ा सकते हैं. इसलिए अगर औपचारिकता वश पटाखे छुड़ा भी रहे हैं, तो कम से कम धुएं वाले पटाखे ही छुड़ाए जाने चाहिए. पटाखों से निकलने वाले धुएं आंखों के लिए भी घातक हो सकते हैं. अगर पटाखे छुड़ाने के पश्चात आंखों में जलन, खुजली और लालिमा महसूस हो रही है, तो तत्काल नेत्र विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए. अकसर कुछ लोगों को धुएं से एलर्जी की शिकायत रहती है. ये खुजली आपकी त्वचा की चमक और स्निग्धता को प्रभावित कर सकती है. ऐसे लोगों को पटाखों से दूर ही रहना चाहिए. डॉक्टर जितेंद्र के अनुसार पटाखों से धुएं ही नहीं आवाज भी नुकसान पहुंचाती है. जिन्हें कानों की समस्या है, उन्हें आवाज वाले पटाखों से दूर रहना चाहिए. वरना कान के लिए गंभीर समस्या उत्पन्न हो सकती है. यह भी पढ़ें : Govardhan Puja 2024 Wishes: गोवर्धन पूजा पर भेजें ये प्यारे हिंदी WhatsApp Stickers, Photo Messages और GIF Images
तेज आवाज और धुएं से तनाव, चिंता या पागलपन वाला भय जैसी समस्याएं हो सकती है. इसके साथ-साथ तेज आवाज वाले पटाखे छोटे बच्चों और पालतू पशुओं के लिए भी हानिकारक हो सकते हैं, और सबसे खतरनाक है पटाखों से आग लगने की संभावना, क्योंकि हर वर्ष पटाखों से जलने की सैकड़ों घटनाएं होती हैं. ऐसे में पटाखों से दूर रहना ही समझदारी है, क्योंकि जीवन सुरक्षित है, तभी पर्व का आनंद प्राप्त होता है.