ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का पूरा नाम अवुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम (Avul Pakir Jainulabdeen Abdul Kalam) है. उनका जन्म 15 अक्टूबर, 1931, रामेश्वरम, में हुआ था. उनकी मृत्यु 27 जुलाई, 2015 में शिलांग में हुई थी. वो भारतीय वैज्ञानिक और राजनीतिज्ञ थे. जिन्होंने भारत के मिसाइल और परमाणु हथियार कार्यक्रमों के विकास में अग्रणी भूमिका निभाई. वह 2002 से 2007 तक भारत के राष्ट्रपति रहे.
कलाम ने मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की और 1958 में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) में शामिल हो गए. 1969 में वे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में चले गए, जहां वे SLV-III के परियोजना निदेशक थे, जो पहला उपग्रह प्रक्षेपण यान था, जिसे भारत में डिजाइन और निर्मित दोनों किया गया था. 1982 में वे डीआरडीओ में फिर से शामिल हुए. कलाम ने कई सफल मिसाइलों का निर्माण करने वाले कार्यक्रम की योजना बनाई, जिससे उन्हें "मिसाइल मैन" के नाम से भी जाना जाता है. उनकी सफलताओं में अग्नि, भारत की पहली मध्यवर्ती दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल थी, जिसमें SLV-III के पहलुओं को शामिल किया गया था और इसे 1989 में लॉन्च किया गया था. आज एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्यतिथि है, इस दिन उनके महान विचारों को भेजकर आप उन्हें याद कर सकते हैं.
अब्दुल कलाम जितने महान वैज्ञानिक थे, उनके विचार भी उतने ही महान थे, जो आज भी युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणास्रोत है. उनकी पुण्यतिथि पर आप अब्दुल कलाम के इन अनमोल वचनों को वॉट्सऐप, फेसबुक, ट्विटर के जरिए भेजकर उन्हें न सिर्फ याद कर सकते हैं, बल्कि उन्हें श्रद्धांजलि भी अर्पित कर सकते हैं.
नागरिक जीवन में लौटने के बाद भी कलाम भारत को एक विकसित देश में बदलने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी का उपयोग करने के लिए प्रतिबद्ध रहे और कई विश्वविद्यालयों में लेक्चरर के रूप में कार्य किया. 27 जुलाई, 2015 को, वह भारतीय प्रबंधन संस्थान शिलांग में लेक्चर देते समय गिर गए और जल्द ही कार्डियक अरेस्ट से उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.