Amla Navami 2022 Wishes: हिंदू धर्म में पेड़-पौधों को भगवान का रूप मानकर पूजा करने की परंपरा है. आंवला भी एक पूजनीय वृक्ष है. आंवला नवमी पर इस पेड़ की विशेष पूजा की जाती है. इस बार आंवला नवमी 2 नवंबर, बुधवार को है. उज्जैन धार्मिक ग्रंथों के अनुसार आंवला नवमी (Amla Navami 2022) का पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाता है. इस बार यह तिथि बुधवार 2 नवंबर को है. इसे अक्षय नवमी (Akshaya Navami) भी कहा जाता है. इस दिन आंवले के पेड़ की विशेष पूजा की जाती है. मान्यता है कि ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और मां लक्ष्मी भी प्रसन्न होती हैं. इस दिन धार्मिक ग्रंथों में भी आंवले के रस में जल मिलाकर स्नान करने का महत्व बताया गया है. यह भी पढ़ें: Dev Uthani Ekadashi 2022: कब है देवउठनी एकादशी? जानें इस एकादशी का महात्म्य, पूजा-विधि, मुहूर्त एवं किन-किन बातों का रखना चाहिए विशेष ध्यान?
आंवला भगवान विष्णु का रूप है. धार्मिक ग्रंथों में आंवले के पेड़ का विशेष महत्व बताया गया है. पद्म पुराण के अनुसार आंवला विष्णु का रूप है. आंवला के पेड़ को प्रणाम करने से गोदान (गायदान) के समान फल मिलता है. इसे छूने से दुगना फल मिलता है और इसके फल को खाने से तीन गुना फल मिलता है. आंवले की जड़ में भगवान विष्णु, ऊपर ब्रह्मा, स्कंद में रुद्र, शाखाओं में मुनिगण, पत्तों में वसु, फूलों में मरुगन और फलों में प्रजापति का वास है. इस एक फल में बहुत सारे गुण पाए जाते है. आंवला नवमी को बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है. लोग अपने प्रियजनों को ग्रीटिंग्स भेजकर शुभकामनाएं देते हैं, अगर आप भी आंवला नवमी की शुभ कामनाएं देना चाहते हैं तो हम ले आए हैं कुछ ग्रीटिंग्स.
1. श्री हरी का आशीर्वाद आप पर सदैव बना रहे.
हैप्पी आंवला नवमी
2. आंवला का वृक्ष एक वृक्ष नहीं बल्कि संजीवनी है
सेहत का खजाना है.
आओ मिलकर मनाएं आंवला नवमी का यह त्यौहार.
हैप्पी आंवला नवमी
3. आंवला से मिलती है लंबी आयु,
जीवन में आती है सुख और समृद्धि,
आरोग्य और स्वस्थ जीवन के लिए,
श्रद्धापूर्वक करें आंवला नवमी का व्रत.
आंवला नवमी की शुभकामनाएं
4. आंवला नवमी का व्रत आया है,
खुशियों की सौगात लाया है.
आंवला नवमी की शुभकामनाएं.
5. आंवले के वृक्ष की परिक्रमा से मिलती है सुख-समृद्धि,
इसमें होता है शिव-विष्णु का वास,
और भक्तों को मिलता है आशीर्वाद.
आंवला नवमी की शुभकामनाएं.
आयुर्वेद में भी आंवला को विशेष महत्व दिया गया है. आंवला को खासतौर पर सर्दियों में खाना चाहिए, इससे चर्म रोग नहीं होते हैं. आंवले का रस, चूर्ण और आंवले का जैम ये सभी हमारे स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाते हैं. आंवले का जूस पीने से विटामिन सी की कमी पूरी हो जाती है. आंवले के रस को पानी में मिलाकर पीने से त्वचा के कई रोगों में लाभ मिलता है. आंवले के जूस के सेवन से त्वचा की चमक भी बढ़ती है.
आंवला शरीर में बढ़े हुए पित्त को नियंत्रित करता है. लंबे समय तक आंवला खाने से कई बीमारियां खत्म होने लगती हैं. एसिडिटी और अपच से बचने के लिए ऋषियों ने इस पर्व पर आंवला खाने की परंपरा बनाई है.