सनातन धर्म में वैशाख मास का काफी महत्व है. क्योंकि इस मास ‘अक्षय तृतीया’ जैसा पावन और सारे संकटों को दूर करने वाला पर्व मनाया जाता है. इस दिन स्नान, दान, जप, तप, श्राद्ध और अनुष्ठान का विशेष महत्व है. गरुण पुराण के अनुसार इस दिन श्रीहरि ने परशुराम के रूप में अवतार लिया था. मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन किये जाने वाले दान-धर्म एवं क्रय-विक्रय से अक्षय फल की प्राप्ति होती है, जिसका लाभ सालों-साल मिलता है. इसके विपरीत बुरे कार्य करने का नतीजा भी अक्षय होता है, जो आपको सालों तक परेशान कर सकते हैं. ऐसे में यह जानना आवश्यक है कि इस दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए. इस साल अक्षय तृतीया का 14 मई शुक्रवार के दिन मनायी जायेगी. जानें ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन क्या करना चाहिए और किन कार्यों से बचना चाहिए.
ये अवश्य करें
* इस दिन दान करने वाला जातक स्वाभाविक मृत्यु के पश्चात वैकुंठधाम में जगह प्राप्त करता है. इसलिए इस दिन गंगा स्नान के बाद जौ एवं वस्त्रादि का दान अवश्य करना चाहिए.
* अक्षय तृतीया के दिन जल से भरे कलश को मंदिर या किसी जरूरतमंद को दान करने से ब्रह्मा, विष्णु और महेश का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इनका पुण्य लाभ आपको सालों-साल संकटों से परे और समृद्धिशाली बनाये रख सकता है.
* धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अक्षय तृतीया के दिन श्रीरामचरित मानस का पाठ अथवा श्रीहरि के दसावतार की कथा सुननी अथवा सुनानी चाहिए. ऐसा करने से घर में शांति एवं समृद्धि आती है.
* इस दिन श्रीहरि की पूजा करने के दरम्यान तुलसी की जड़ को दूध से सींचना चाहिए इससे श्रीहरि प्रसन्न होते हैं. ध्यान रहे कि श्रीहरि की पूजा तुलसी की सेवा बिना अधूरी होती है.
* इस दिन पितरों के नाम पर पूजा अर्चना एवं दान-धर्म करने से अक्षय तृप्ति का आशीर्वाद प्राप्त होता है, और पितृ-दोष से मुक्ति मिलती है, और नवग्रह भी शांत होती है. इससे जीवन के सारे कष्ट दूर होते हैं, घर में सुख एवं समृद्धि आती है. यह भी पढ़ें : Akshay Tritiya 2021: अक्षय तृतीया के दिन सोना खरीदने का शुभ मुहूर्त क्या है?
यह कार्य हर्गिज ना करें
* भविष्य पुराण के अनुसार अक्षय तृतीया के दिन उपनयन संस्कार नहीं करना चाहिए. यानि इस दिन से शिक्षा प्रारंभ करने का कार्य नहीं करना चाहिए, ना ही जनेऊ धारण करें. ज्योतिष शास्त्र में ऐसा करना अशुभ माना गया है.
* अक्षय तृतीया के दिन कोई गरीब अथवा जरूरतमंद मदद मांगने आये तो उसकी मदद करें, उसे खाली हाथ वापस न लौटाएं. इस दिन किया गया दान-धर्म का पुण्य फल सदा आपके साथ रहता है.
* अक्षय तृतीया के दिन तुलसी का पत्ता न तोड़ें. आज के दिन श्रीहरि का अक्षुण्य आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उनकी पूजा में तुलसी जरूर अर्पित करें. इसके लिए बेहतर होगा कि आप एक दिन पूर्व ही सूर्यास्त के पहले तुलसी के पत्ते तोड़कर रख लें.
* इस दिन किसी का अपमान नहीं करना चाहिए, किसी को दुख देने अथवा तिरस्कार करने से माता लक्ष्मी रुष्ठ हो सकती है. जिसके कारण से आप सालों-साल आर्थिक समस्याओं से परेशान रह सकते हैं. इस दिन जो भी कार्य करें निस्वार्थ भाव से करें.
* इस दिन अगर आपने कोई उपवास रखा है तो उसका पारण आज के बजाय अगले दिन यानी चतुर्थी को करें, तभी आपको उपवास के पुण्य फलों की प्राप्ति होगी.
* अक्षय तृतीया के दिन किसी भी प्रकार के नए पौधे लगाने से बचना चाहिए. ऐसा करना अशुभता का प्रतीक हो सकता है.