नई दिल्ली, 2 जून : प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने व्यापारी अविनाश भोसले को नोटिस जारी किया है, जिन्हें हाल ही में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था. 61 वर्षीय व्यवसायी को पुणे स्थित अपनी आवासीय संपत्ति खाली करने का निर्देश दिया गया है.
पिछले साल, जांच एजेंसी ने इसे पिछले साल अटैच किया था लेकिन भोसले ने जाने से इनकार कर दिया था. भोसले को 26 मई को यस बैंक और दीवान हाउसिंग फाइनेंस कॉपोर्रेशन लिमिटेड (डीएचएफएल) से संबंधित एक कथित भ्रष्टाचार के मामले में गिरफ्तार किया गया था. उन्हें 8 जून तक सीबीआई की हिरासत में भेजा गया था. गिरफ्तारी के बाद भोसले को आगे की पूछताछ के लिए दिल्ली ले जाया गया. यह भी पढ़ें : आंध्र प्रदेश में करप्ट सरकारी बाबुओं की अब खैर नहीं, सीएम जगन मोहन रेड्डी ने शिकायत के लिए लांच किया मोबाइल ऐप
उन पर अपनी महाराष्ट्र स्थित रियल एस्टेट कंपनियों के माध्यम से गलत तरीके से कमाए गए धन का लेन-देन करने का आरोप लगाया गया है. 2018 में, भोसले ने डीएचएफएल से लगभग 68.82 करोड़ रुपये प्राप्त किए थे और इसे परामर्श शुल्क बताया था. जांच एजेंसी ने दावा किया है कि भोसले ने डीएचएफएल को कोई परामर्श सेवा प्रदान नहीं की और उनके द्वारा प्राप्त धन अपराध की कथित कार्यवाही के अलावा और कुछ नहीं था.