कोलकाता: फिल्म ओह माई गॉड (Oh My God) में कानजी भाई का किरदार निभाने वाले परेश रावल (Paresh Rawal) ने बीमा कंपनियों द्वारा क्लेम ठुकराए जाने के बाद सीधे भगवान (God) को ही कोर्ट में घसीट लिया था. अब एक ऐसा ही हैरान करने वाला मामला पश्चिम बंगाल (West Bengal) से सामने आया है, जहां गुरुलिया (Gurulia) के दो निवासियों के रिश्तेदारों ने अपने मृत परिजनों को दोबारा जिंदा करने के लिए मृत्यु के देवता यमराज (God of Death) को निर्देश देने के लिए कोलकाता हाईकोर्ट (Kolkata High Court) से गुहार लगाई है. दरअसल, कोलकाता हाईकोर्ट ने गुरुलिया के दो निवासियों की मौत के कई साल बाद भी उनकी सजा को बरकरार रखा, जिसके लिए उनके परिजनों ने कोर्ट से गुहार लगाई है कि कोर्ट यमराज (Yamraaj) को उन दोनों को वापस भेजने का निर्देश दें, ताकि वो अपनी जेल की सजा पूरी कर सकें. उन्होंने मृत्यु के देवता यमराज के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरु करने के लिए अदालत से अनुमति मांगी है.
यह घटना साल 1984 की है. बताया जाता है कि समर चौधरी, उनके बेटे ईश्वर और प्रदीप के साथ एक अन्य व्यक्ति हिंसा में शामिल थे, जिसके परिणामस्वरुप एक शख्स की मौत हो गई. 9 फरवरी 1987 को अलीपुर के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने सभी को पांच साल की सजा सुनाई. सजा सुनाए जाने के बाद मार्च में उन्होंने हाईकोर्ट में अपील की और एक अंतरिम आदेश में कोर्ट ने उनके बयानों को खारिज कर दिया. हालांकि अपील की सुनवाई शुरु होने से पहले ही प्रदीप और समर की मौत हो गई. प्रदीप की मौत 17 फरवरी 1993 को हुई, जबकि 16 सितंबर 2010 को समर की मौत हो गई.
इस मामले में 22 जून 2006 को याचिकाकर्ताओं के लिए एक वरिष्ठ अधिवक्ता को हाईकोर्ट न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत किया गया और मार्च 2012 को उनके वरिष्ठ अधिवक्ता की मौत हो गई. इसके बाद 14 जून 2016 को हाईकोर्ट ने एमिकस क्यूरिया को नियुक्ति किया. हाईकोर्ट को कभी नहीं बताया गया कि दो अपीलकर्ताओं की मौत हो चुकी है. इसके बाद 16 जून 2016 को उनकी अपील को ठुकरा दिया गया. यह भी पढ़ें: शारदा चिटफंड घोटाला: आईपीएस अधिकारी राजीव कुमार को कलकत्ता हाईकोर्ट से बड़ी राहत, मिली अग्रिम जमानत
गौरतलब है कि हाईकोर्ट के 2016 के आदेश को याद करते हुए समर के बेटे अशोक चौधरी और प्रदीप की विधवा रेणु ने कहा कि कोर्ट में आवेदन को खारिज कर दिया गया. अब माननीय अदालत रजिस्ट्रार को यह निर्देश देने की कृपा करे कि मृत्यु के देवता यमराज मृतकों को वापस पृथ्वी पर भेजें ताकि वे ट्रायल कोर्ट के सामने आत्मसमर्पण कर सकें और कानून द्वारा दी गई सजा को पूरी कर सकें. उन्होंने कोर्ट से अपील की कि अगर यमराज कोर्ट के आदेश की अवमानना करते हैं तो उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरु की जाए.