
दुनिया के सबसे बड़े सोलर टेलीस्कोप ने सूरज की सतह की बेहद शानदार तस्वीरें खींची हैं, जिसमें सूरज के धब्बे और तेज चुंबकीय गतिविधियाँ नजर आ रही हैं. यह नई तस्वीर तब जारी की गई है, जब सूरज अपने 11 साल के सोलर साइकिल के सबसे सक्रिय चरण की ओर बढ़ रहा है.
यह तस्वीर हवाई के डैनियल के. इनोये सोलर टेलीस्कोप द्वारा जारी की गई है. यह पहली बार है जब अमेरिकी नेशनल साइंस फाउंडेशन के नए Visible Tunable Filter (VTF) से लिया गया एक हाई-रेजोल्यूशन फोटो है. यह तस्वीर दिसंबर की शुरुआत में ली गई थी, जिसमें सूरज की सतह पर विशाल सूरज के धब्बे दिखाई दे रहे हैं, जो केवल 10 किलोमीटर की दूरी पर हैं, लेकिन आकार में हजारों मील तक फैले हुए हैं. इन धब्बों का आकार पृथ्वी के महाद्वीपों जितना बड़ा है.
अक्टूबर में, अंतर्राष्ट्रीय सोलर साइकिल प्रेडिक्शन पैनल, NASA और नेशनल ओशियानिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन (NOAA) ने घोषणा की थी कि सूरज ने अपने सबसे सक्रिय चरण को छू लिया है, जिसे "सोलर मैक्सिमम" कहा जाता है. इस समय सूरज के चुंबकीय ध्रुव उलटते हैं, जिससे उसकी सतह पर और अधिक सूरज के धब्बे दिखाई देते हैं.
यह सूरज के धब्बे ठंडे, सक्रिय क्षेत्र होते हैं, जो सूरज पर बड़े विस्फोट जैसे सोलर फ्लेयर्स और कोरोनल मास इजेक्शन्स (CMEs) का कारण बन सकते हैं. जब ये विस्फोट होते हैं, तो सूरज से चार्ज़ कण अंतरिक्ष में फैल जाते हैं. अगर ये कण पृथ्वी तक पहुँचते हैं, तो वे उपग्रहों को नुकसान पहुंचा सकते हैं, पावर कट्स का कारण बन सकते हैं, या GPS और फोन सिग्नल्स को प्रभावित कर सकते हैं.
नेशनल साइंस फाउंडेशन के इनोये सोलर टेलीस्कोप के इंस्ट्रूमेंट प्रोग्राम साइंटिस्ट फ्रेडरिक वोएगर ने कहा, "1800s में एक सोलर स्टॉर्म (कैरींगटन इवेंट) इतना शक्तिशाली था कि इससे टेलीग्राफ स्टेशन में आग लग गई थी. हमें इन घटनाओं के भौतिक कारणों को समझने की जरूरत है और यह जानने की आवश्यकता है कि ये हमारी तकनीक और जीवन को कैसे प्रभावित कर सकती हैं."
मार्क मीयश, कोलोराडो यूनिवर्सिटी बोल्डर के कोऑपरेटिव इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च इन एनवायरनमेंटल साइंसेस में रिसर्च साइंटिस्ट, ने बताया कि सूरज के धब्बे चुंबकीय प्लग्स की तरह होते हैं, जो सूरज की सतह तक पहुँचने वाली गर्मी को रोकते हैं. इस वजह से ये सूरज के बाकी हिस्सों से ज्यादा ठंडे और गहरे दिखते हैं. उन्होंने इन सूरज के धब्बों की तुलना एक ओवन से की. "हालांकि ये सूरज के धब्बे ठंडे होते हैं, फिर भी ये पृथ्वी के किसी भी ओवन से कहीं ज्यादा गर्म होते हैं," उन्होंने कहा.
इस नई तस्वीर के जरिए वैज्ञानिक अब सूरज की गतिविधियों को और अच्छे से समझने की कोशिश कर रहे हैं, ताकि इनसे जुड़ी घटनाओं का भविष्य में असर कम किया जा सके.