दिल्ली में कैब के फर्स्ट एड किट में कंडोम, वजह जानकर आप भी हो जाएंगे हैरान
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Facebook)

नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर (Delhi-NCR) में कैब चलाने वाले ज्यादातर ड्राइवर (Cab Drivers) कैब के फर्स्ट एड किट (first-aid kit) में कंडोम (Condom) रखते हैं. उनका मानना है कि फर्स्ट एड बॉक्स (First Aid Box) में कंडोम रखना एक अनिवार्य आदेश है और ऐसा न करने पर ट्रैफिक पुलिस (Traffic Police) उनसे जुर्माना (Fine) वसूल कर सकती है. हालांकि वो इस बात से बेखबर है कि ट्रैफिक नियमों में शामिल ऐसा कौन सा कानून है जो उन्हें कैब के फर्स्ट एड किट में कंडोम रखने के लिए मजबूर कर रहा है. यहां तक कि कुछ कैब ड्राइवरों ने यह दावा भी किया है कि फर्स्ट एड किट में कंडोम न रखने की वजह से उन पर जुर्माना भी लगाया जा चुका है.

टाइम्स ऑफ इंडिया (TOI) की एक रिपोर्ट के अनुसार, कैब ड्राइवर रामेश पाल (Ramesh Pal) ने कहा था कि मैंने दूसरों से सुना है कि हम कंडोम रखने वाले हैं. मैं हमेशा कम से कम एक कंडोम अपनी कैब में रखता हूं. हालांकि उनका यह कहना है कि उन्हें कभी किसी ट्रैफिक पुलिसकर्मी द्वारा कंडोम कैब के फर्स्ट एड किट में रखने का कोई निर्देश नहीं मिला है, लेकिन वार्षिक फिटनेस परीक्षण के दौरान कभी-कभी उनसे इस बारे में पूछा जाता है. उधर उबर ड्राइवर धर्मेंद्र (Dharmendra) का कहना है कि कैब में कंडोम न रखने के कारण उसे जुर्माना भरने के लिए कहा गया था. यह भी पढ़ें: Durex Condom India ने नए ट्रैफिक नियमों का किया समर्थन, कंडोम के अनोखे विज्ञापन के जरिए दी लोगों को सुरक्षित वाहन चलाने की सलाह

धर्मेंद्र ने अखबार को बताया है कि कंडोम न रखने की वजह से मेरा चालान काटा गया था. तब से मैं बहुत सावधान रहता हूं. हालांकि जुर्माने की रसीद देखने पर यह पचा चला है कि ड्राइवर धर्मेंद्र पर ओवर स्पीडिंग के लिए जुर्माना लगाया गया था न कि कंडोम की वजह से. इस मसले पर सर्वोदय ड्राइवर एसोसिएशन ऑफ दिल्ली (Sarvodaya Driver Association of Delhi) के अध्यक्ष कमलजीत गिल (Kamaljeet Gill) का कहना है कि सभी सार्वजनिक परिवहन सेवाओं के लिए हर समय तीन कंडोम ले जाना अनिवार्य है. उन्होंने कहा कि छोटी-मोटी दुर्घटना के समय कंडोम बेहद काम आता है.

गिल का कहना है कि अगर छोटी सी दुर्घटना के समय किसी व्यक्ति को ब्लीडिंग होने लगती है तो उसे रोकने के लिए कंडोम का इस्तेमाल किया जा सकता है. इसी तरह अगर किसी को फ्रैक्चर हो गया है तो ऐसी स्थिति में अस्पताल पहुंचने तक व्यक्ति के फ्रैक्चर वाले हिस्से को कंडोम की मदद से बांधा जा सकता है. इसके अलावा एक कंडोम तीन लीटर तक का लीक्विड यानी तरल पदार्थ कैरी कर सकता है. हालांकि पुलिस और परिवहन विभाग ने यह स्पष्ट किया है कि कैब में कंडोम ले जाना अनिवार्य नहीं है. यह भी पढ़ें: ऐसे पता लगाएं कि कंडोम एक्सपायर हो गया है या नहीं? जानें हर एक स्टेप

एक पुलिस अधिकारी ने इस मसले पर कहा कि ऐसा कोई मामला सामने नहीं आया है कि कंडोम न रखने की वजह से किसी का चालान काटा गया हो. दिल्ली मोटर वाहन नियम 1993 या मोटर वाहन नियम 1989 में कंडोम का कोई उल्लेख नहीं है. दिल्ली परिवहन विभाग के एक अधिकारी का कहना है कि कुछ एनजीओ कार्यकर्ता सुरक्षित यौन संबंध के बारे में जागरूक करने के लिए ड्राइवरों तक पहुंचते हैं. ऐसे में यह संभव है कि इसी वजह से ड्राइवरों में कंडोम रखने की यह आदत विकसित हुई हो.