Shanmuga Subramanian ने विक्रम लैंडर के मलबे को ढूंढ निकाला है. ISRO के महात्वाकांक्षी अभियान चंद्रयान 2 (Chandrayaan-2) के विक्रम लैंडर का चांद पर पता लग गया है. चंद्रयान 2 के विक्रम लैंडर की खोज चेन्नई के एक इंजीनीयर शनमुगा सुब्रमण्यम ने की है. चंद्रमा की सतह पर इस साल सितंबर में दुर्घटनाग्रस्त हुए विक्रम लैंडर को शनमुगा सुब्रमण्यम ने खोजा. शनमुगा सुब्रमण्यम ने विक्रम लैंडर को ढूंढने के लिए इसरो और नासा के ऑर्बिटर्स द्वारा भेजी गई तस्वीरों का एनालीसिस किया था. इस सफलता के बाद अब नासा ने भी इस खोज के लिए चेन्नई के इंजीनियर शनमुगा सुब्रमण्यम को क्रेडिट दिया है. नासा ने इससे जुड़ी एक तस्वीर साझा की है. न्यूयॉर्क टाइम्स में भी यह रिपोर्ट छपी. जिसकी हेडलाइन में लिखा था, "NASA ने भारत के विक्रम मून लैंडर क्रैश साइट को एमेच्योर की मदद से ढूंढा."
इस रिपोर्ट् में लिखा गया है कि 3 अक्टूबर 2019 को, शनमुगा सुब्रमण्यम ने दो तस्वीरों के साथ एक ट्वीट किया था कि क्या यह विक्रम लैंडर हो सकता है? अपने इस ट्वीट में शनमुगा ने नासा और इसरो को भी टैग किया था. शनमुगा की इन तस्वीरों पर नासा ने गौर किया. नासा ने इसकी पुष्टि के लिए कुछ समय मांगा, और सफलता के बाद नासा ने भी इस खोज के लिए चेन्नई के शनमुगा सुब्रमण्यम को क्रेडिट दिया है. नासा के डिप्टी प्रोजेक्ट साइंटिस्ट जॉन केलर ने शनमुगा को ईमेल के जरिए इस खोज के लिए धन्यवाद दिया है.
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यहां देखें शनमुगा सुब्रमण्यम का ट्वीट-
Is this Vikram lander? (1 km from the landing spot) Lander might have been buried in Lunar sand? @LRO_NASA @NASA @isro #Chandrayaan2 #vikramlanderfound #VikramLander pic.twitter.com/FTj9G6au9x
— Shan (@Ramanean) October 3, 2019
नासा ने दिया क्रेडिट
साइंटिस्ट जॉन केलर ने लिखा, आपके उसे मेल के लिए धन्यवाद जिसमें आपने हमें अपनी खोज की जानकारी दी है. लैंडिंग के पहले और बाद की तस्वीरों में लैंडिंग साइट पर कुछ बदलाव नजर आए हैं. इस जानकारी को लेते हुए LROC टीम ने इसका और एनालिसिस किया और इस जगह को विक्रम लैंडर के टकराने की प्राइमरी जगह के रूप में पाया है. नासा ने अपने बयान में कहा, 'शनमुगा ने सबसे पहले मैन क्रैश साइट से लगभग 750 मीटर उत्तर पश्चिम में मलबा देखा.'
साइंटिस्ट जॉन केलर ने शनमुगा सुब्रमण्यम को उनकी कड़ी मेहनत के लिए बधाई देते हुए आगे लिखा है आपको बधाई हो और मुझे इस बात का पूरा विश्वास है कि आपने इसके लिए कड़ी मेहनत और बहुत समय दिया है. हमे खेद है कि हमने आपको देरी से जवाब दिया. इसके बाद नासा ने ट्वीट कर विक्रम लैंडर के खोजे जाने की खबर पूरी दुनिया को दी.
यहां देखें नासा का मेल-
@NASA has credited me for finding Vikram Lander on Moon's surface#VikramLander #Chandrayaan2@timesofindia @TimesNow @NDTV pic.twitter.com/2LLWq5UFq9
— Shan (@Ramanean) December 2, 2019
कौन हैं शनमुगा सुब्रमण्यम
शनमुगा सुब्रमण्यम चेन्नई में रहते हैं और मदुरई के निवासी है. वे एक इंजीनियरिंग कंपनी लेनोक्स इंडिया टेक्नोलॉजी सेंटर में टेक्निकल आर्टिटेक के रूप में काम करते है. इससे पहले, वह कॉग्निजेंट के साथ एक प्रोग्राम एनालिस्ट के रूप में काम कर रहे थे. अपनी इस बड़ी खोज को लेकर शनमुगा ने बताया कि, उन्होंने उन दो तस्वीरों के लगातार मिलान किया. एक तरफ नासा द्वारा जारी पुरानी तस्वीरें थीं वहीं दूसरी तरफ नई तस्वीरें थीं जो विक्रम लैंडर के क्रैश होने के बाद जारी हुई थीं.
स्पेस साइंस में रुचि रखते हैं शनमुगा सुब्रमण्यम
अपनी इस सफलता के बाद मीडिया से बाद करतहुए शनमुगा सुब्रमण्यम ने कहा कि मैं एक स्पॉट में कुछ असाधारण ढूंढने में कामयाब रहा और मुझे लगा यह विक्रम लैंडर का मलबा होना चाहिए. इससे लोगों को प्रेरणा मिलेगी. शनमुगा सुब्रमण्यम ने केवल लैपटॉप और इंटरनेट कनेक्शन के जरिए ही इसे खोज निकाला है. उन्होंने बताया मुझे स्पेस साइंस में हमेशा से रुचि रही है. मैं कोई भी लॉन्च मिस नहीं करता.
शनमुगा सुब्रमण्यम ने कहा, मैंने इस बारे में नासा और इसरो दोनों को जानकारी दी. केवल नासा ने इस पर ध्यान दिया. मुझे बहुत दुख है कि विक्रम लैंड नहीं कर पाया.' शनमुगा सुब्रमण्यम का कहना है कि वह लैंडर को खोज निकालने के अपने मिशन के लिए हर रोज सात घंटे काम करते थे.