अयोध्या (Ayodhya) के राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में प्रतिदिन सुनवाई चल रही है. इस बीच, एक शख्स ने राम मंदिर (Ram Mandir) निर्माण के लिए सोने की ईंट देने का ऑफर दिया है. इस शख्स का नाम है प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तुसी (Prince Yakub Habeebuddin Tucy). ये खुद को आखिरी मुगल बादशाह बहादुर शाह जफर (Mughal Emperor Bahadur Shah Zafar) का वंशज बताते हैं. दरअसल, प्रिंस हबीबुद्दीन तुसी अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के पक्ष में हैं. प्रिंस हबीबुद्दीन तुसी कहते हैं कि अगर राम मंदिर बनता है, तो वह सोने की ईंट दान में देगें.
हालांकि, 50 साल के प्रिंस हबीबुद्दीन तुसी का कहना है कि मुगलों का उत्तराधिकारी होने के नाते अयोध्या की विवादित जमीन पर उनका मालिकाना हक है. अगर सुप्रीम कोर्ट वह जमीन मुझे सौंपता है, तो मैं पूरी की पूरी जमीन राम मंदिर बनाने के लिए दान कर दूंगा. प्रिंस हबीबुद्दीन तुसी कहते हैं कि 1529 में प्रथम मुगल शासक बाबर ने अपने सैनिकों को नमाज पढ़ने की जगह देने के लिए बाबरी मस्जिद का निर्माण कराया था. यह भी पढ़ें- अयोध्या: उत्तर प्रदेश सरकार ने राम मंदिर के पुजारी और कर्मचारियों के भत्ते को बढ़ाने का लिया फैसला
प्रिंस हबीबुद्दीन तुसी ने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर उन्हें अयोध्या राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद केस का पक्षकार बनाने की भी मांग की थी. हालांकि उनकी इस याचिका को कोर्ट ने अब तक स्वीकार नहीं किया है. बता दें कि अयोध्या में राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद जमीन मामले में सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संवैधानिक पीठ सुनवाई कर रहा है. चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के अलावा इस संवैधानिक पीठ में जस्टिस एस. ए. बोबडे, जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस. ए. नजीर भी शामिल हैं.