भारत सरकार की आपत्ति के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ) ने कोविड-19 के वेरिएंट के नामकरण के लिए एक नये सिस्टम का ऐलान किया है. इसके तहत अब डब्लूएचओ भारत, ब्रिटेन, दक्षिण अफ़्रीका समेत दूसरे देशों में पाये जाने वाले कोरोना वेरिएंट का नाम रखने के लिए ग्रीक भाषा के अक्षरों का इस्तेमाल करेगा. इसी नियम के तहत भारत में पाये गए B.1.617.1 को कप्पा और B.1.617.2 को डेल्टा, ब्रिटेन में पाये गए वेरिएंट को अल्फा और दक्षिण अफ़्रीका में पाये गए वेरिएंट को बीटा नाम दिया गया है. डब्लूएचओ ने कहा कि ये फैसला बातचीत को आसान बनाने और किसी देश के साथ वेरिएंट के नाम को ना जोड़ा जाए, यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया है.
भारत सरकार ने जताई थी आपत्ति
इस महीने की शुरुआत में भारत सरकार ने B.1.617.2 को भारतीय वेरिएंट बुलाये जाने की आलोचना की थी. इस सम्बन्ध में डब्लूएचओ की कोविड-19 की तकनीकी प्रमुख मारिया वैन कर्खोव ने ट्वीट किया कि किसी भी देश को वेरिएंट खोजने और उसकी जानकारी देने के लिए बदनाम नहीं करना चाहिए. उन्होंने वेरिएंट की खोज के लिए बेहतर निगरानी और वैज्ञानिक आँकड़े शेयर करने पर जोर दिया. डब्लूएचओ ने अपनी वेबसाइट पर सभी वेरिएंट के नामों की लिस्ट जारी की है. भारत ने B.1.617 वेरिएंट को भारतीय वेरिएंट कहे जाने की कड़ी आलोचना की थी.
No country should be stigmatized for detecting and reporting variants.
Globally, we need robust surveillance for variants, incl epi, molecular and sequencing to be carried out and shared. We need to continue to do all we can to reduce the spread of SARS-CoV-2 #COVID19 @WHO
— Maria Van Kerkhove (@mvankerkhove) May 31, 2021
12 मई को स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा था कि बिना किसी आधार के मीडिया में इस वेरिएंट को भारतीय वेरिएंट कहा जा रहा है. इसके बाद भारत सरकार ने सभी सोशल मीडिया कंपनियों से कहा था कि वो अपने प्लेटफॉर्म पर पोस्ट की गईं उन सभी पोस्टों को हटाएं जिनमें कोविड-19 के भारतीय वेरिएंट की बात की गई है.
.@WHO has not associated the term #IndianVariant with B.1.617, now classified as Variant of Concern
Details here: https://t.co/AOypVKTkfm pic.twitter.com/VDouJyVmrN
— PIB India (@PIB_India) May 12, 2021
भारतीय वेरिएंट कहना गलत: भारत सरकार
भारत सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने कहा था कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस के B.1.617 वेरिएंट को भारतीय वेरिएंट नहीं कहा है, ऐसे में इसे भारतीय वेरिएंट कहना गलत है. 22 मई को सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने एक सरकारी आदेश जारी कर सोशल मीडिया कंपनियों को निर्देश दिया था.
Today, @WHO announces new, easy-to-say labels for #SARSCoV2 Variants of Concern (VOCs) & Interest (VOIs)
They will not replace existing scientific names, but are aimed to help in public discussion of VOI/VOC
Read more here (will be live soon):
https://t.co/VNvjJn8Xcv#COVID19 pic.twitter.com/L9YOfxmKW7
— Maria Van Kerkhove (@mvankerkhove) May 31, 2021
आदेश में कहा गया कि कंपनियाँ अपने प्लेटफॉर्म से वो सारा कंटेन्ट तुरंत हटाएं, जिनमें कोरोना वायरस के भारतीय वेरिएंट के नाम का इस्तेमाल किया गया है या फिर इस तरफ इशारा किया गया है. इसके अलावा इससे संबंधित भ्रामक जानकारियों को भी सोशल मीडिया साइट्स और न्यूज वेबसाइटों से हटाने को कहा गया था.