Sachin Waze Case: पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के इस बयान से महाराष्ट्र की सियासत में खलबली, कहा- उद्धव ठाकरे ने .....
पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस, (फोटो क्रेडिट्स: ANI ट्विट्टर)

मुंबई, 18 मार्च : भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने बुधवार को दावा किया कि जब वह महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे तब वर्ष 2018 में शिवसेना के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को बहाल करने के लिए कहा था. उन्होंने आरोप लगाया कि शिवसेना (ShivSena) ने इस मुद्दे पर उनपर दबाव बनाया था. उल्लेखनीय है कि मुकेश अंबानी के दक्षिण मुंबई स्थित आवास के नजदीक 25 फरवरी को जिलेटिन छड़ों के साथ एक एसयूवी कार मिली थी जिसकी जांच राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (NIA) कर रहा है और इसी दौरान वाजे का नाम प्रकाश में आया. वाजे को 13 मार्च को मामले में कथित भूमिका को लेकर गिरफ्तार किया गया और वह गिरफ्तारी से पहले तक मुंबई पुलिस की अपराध खुफिया शाखा में कार्यरत थे. फडणवीस ने कहा, ‘‘ मैं वर्ष 2018 में राज्य का मुख्यमंत्री था और गृह विभाग भी मेरे अधीन था. शिवसेना अध्यक्ष ने मुझसे संपर्क कर निलंबित अधिकारी सचिन वाजे को दोबारा बहाल करने को कहा. कुछ अन्य शिवसेना नेताओं ने भी इसी तरह का अनुरोध बाद में मुलाकात कर किया.’’

उन्होंने कहा, ‘‘जब वाजे को बहाल करने का प्रस्ताव मिला तो मैंने महाधिवक्ता को बुलाकर मौखिक रूप से उनकी राय जानी जिन्होंने बताया कि बंबई उच्च न्यायालय के आदेश पर वाजे को निलंबित किया गया है, अत: मैंने उन्हें बहाल नहीं करने का फैसला किया.’’ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष फडणवीस ने आरोप लगाया कि शिवसेना ने उनपर इस मुद्दे को लेकर दबाव बनाने की कोशिश भी की. वर्ष 2014 से 2019 तक राज्य में भाजपा और शिवसेना की गठबंधन सरकार थी. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘शिवसेना ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस से हाथ मिलाकर सरकार बनाने के बाद वाजे को बहाल किया लेकिन उसके खिलाफ गंभीर आरोप थे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे मनसुख हिरन (अंबानी के घर के पास विस्फोटक लदी मिली एसयूवी कार के मालिक) की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट की कुछ जानकारी मिली है जिसके मुताबिक उनके फेफड़े में पानी नहीं मिला है जिसका मतलब है कि हिरन की पहले हत्या की गई और बाद में शव क्रीक में फेंका गया.’’ यह भी पढ़ें : Sachin waze Case: संजय राउत ने पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस को दी चुनौती, कहा- सबूत है तो सचिन वझे के ‘राजनीतिक संरक्षकों’ का नाम बताएं

फडणवीस ने आरोप लगाया, ‘‘जो लोग हिरन के शव को ठिकाने लगाना चाहते थे, उन्होंने उच्च ज्वार के दौरान उसे बहाने की कोशिश की लेकिन उनकी गणना गलत थी और उन्होंने निम्न ज्वार के दौरान शव क्रीक में फेंका जिसकी वजह से उनका मिल गया. अगर उच्च ज्वार के दौरान शव को फेंका गया होता तो लाश नहीं मिलती.’’ उन्होंने कहा कि उनके शव को ठिकाने लगाने की सोची-समझाी योजना बनाई गई थी ताकि कुछ महीने के इंतजार के बाद मामला शांत हो जए और फिर अगला कदम उठाया जाए. फडणवीस ने कहा, ‘‘वाजे और (मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त) परमवीर सिंह (Paramveer Singh) तो खेल के बस मोहरे हैं. इसमें सत्ता पर काबिज वरिष्ठ लोग शामिल हैं.’’ भाजपा नेता ने कहा कि कनिष्ठ अधिकारी होने के बावजूद वाजे को अपराध खुफिया शाखा विभाग में अहम पद दिया गया. न्यायाधिकार क्षेत्र के मामले को परे रखकर अहम मामलों की जांच वाजे को दी गई. उन्होंने कहा कि वाजे सहायक पुलिस निरीक्षक है, इसके बावजूद मुख्यमंत्री और गृहमंत्री को जानकारी देने के समय उसको देखा जा सकता था. यह भी पढ़ें : Antilia Bomb Scare Case: क्या बड़े अफसरों ने सबूतों से छेड़छाड़ में सचिन वजे की मदद की?

फडणवीस ने कहा, ‘‘इसका मतलब है कि वाजे के पास कोई संवेदनशील जानकारी है जिसकी वजह से मंत्री भी दबाव में हैं.’’ भाजपा नेता ने कहा कि अंबानी के घर के बार विस्फोटक युक्त वाहन का मिलना और कारोबारी मनसुख हिरन की मौत, दोनों चीज आपस में जुड़ी हैं. उन्होंने कहा, ‘‘ एनआईए को हिरन की मौत का मामला भी एटीएस से अपने हाथ में लेना चाहिए.’’ भाजपा नेता ने कहा, ‘‘वाजे हिरन को लंबे समय से जानता था. उसने हिरन से वाहन खरीदा था लेकिन भुगतान नहीं किया था. वह पिछले साल नवंबर से इस साल फरवरी तक उस वाहन का इस्तेमाल कर रहा था.’’ उन्होंने कहा, ‘‘बाद में पुलिस अधिकारी ने एसयूवी हिरन को लौटा दिया लेकिन कुछ दिन के बाद उसे मुंबई के मुलुंड इलाके में खड़ा करने को कहा और पुलिस थाने में वाहन चोरी की हिरन की शिकायत दर्ज करने को कहा. यहां तक कि वाहन की चाबी वाजे के पास थी.’’ फडणवीस ने कहा, ‘‘यह सोची-समझी योजना थी. वाजे हिरन से तीन दिन से पूछताछ कर रहा था और उससे विभिन्न एजेंसियों तथा खुद अपने सहित कई पुलिस अधिकारियों के खिलाफ शिकायत लिखवाई. यह पत्र मुख्यमंत्री और मुंबई के पुलिस आयुक्त को संबोधित कर लिखा गया था.’’