कोलकाता, 29 जून : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) द्वारा राज्यपाल जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) पर 'भ्रष्ट' होने का आरोप लगाने के कुछ घंटों बाद, राज्यपाल ने सोमवार को राज्य की तृणमूल कांग्रेस सरकार पर पलटवार करते हुए आरोप लगाया कि वह कई भ्रष्ट गतिविधियों में शामिल है. एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए धनखड़ ने कहा, मैं सरकार से पूछना चाहता हूं कि 2,000 करोड़ रुपये के महामारी खरीद घोटाले की रिपोर्ट का क्या हुआ? मुख्यमंत्री ने खुद स्वीकार किया था कि इसमें अनियमितताएं थीं और उन्होंने एक जांच का आदेश भी दिया था. तत्कालीन मुख्य सचिव अलपन बंद्योपाध्याय को उस रिपोर्ट को पेश करना था, उसका क्या हुआ?
धनखड़ ने कहा, मैंने बंद्योपाध्याय से कई बार पूछा था कि वह मेरे पास कब आए थे. लेकिन कोई रिपोर्ट नहीं थी. मैंने उन्हें (बनर्जी) को कई बार लिखा है, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. मैं पूछना चाहता हूं कि पूछताछ का क्या हुआ जो उन्होंने खुद किया था. जांच का आदेश देना सब कुछ का अंत है. लोगों को यह जानने की जरूरत है कि वे लोग कौन थे जिन्होंने अनुचित लाभ लिया. धनखड़ ने यह भी कहा कि गोरखालैंड प्रादेशिक प्रशासन (जीटीए) में न तो कोई चुनाव हुआ है और न ही कोई ऑडिट. राज्यपाल ने कहा, हजारों करोड़ मंजूर किए गए हैं लेकिन कोई ऑडिट नहीं हुआ है. क्यों? यह लोगों का पैसा है और लोगों को पता होना चाहिए कि उनके पैसे का क्या हुआ. मैं सीएजी ऑडिट करूंगा क्योंकि यह मेरे संवैधानिक दायरे में आता है. यह भी पढ़ें: COVID 3rd Wave: कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वेरियंट से क्यों बढ़ी है चिंता? जानिए ऐसे कई सवालों के जवाब
राज्यपाल ने अंडाल हवाई अड्डे के लिए ऋण देने की सरकार की नीति पर भी सवाल उठाया. धनखड़ ने आरोप लगाया, मैंने उनसे (बनर्जी) पूछा है कि सरकार अंडाल हवाई अड्डे में अपनी इक्विटी क्यों बढ़ा रही है? वे ऐसे लोगों को कर्ज क्यों दे रहे हैं जबकि वे भुगतान नहीं कर रहे हैं? जब वे ब्याज का भुगतान नहीं कर रहे हैं तो ऋण क्यों दिया गया है? मैंने वही पूछा था अलापन बंद्योपाध्याय से सवाल किया, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला." राज्यपाल ने बंगाल में चुनाव के बाद हुई हिंसा को लेकर राज्य सरकार पर गंभीर आरोप भी लगाए. उन्होंने कहा, पांच राज्यों में चुनाव हुए, लेकिन किसी अन्य राज्य में ऐसी हिंसा नहीं देखी गई, जैसी बंगाल में देखी गई. पूरी दुनिया इसका गवाह है. वे (तृणमूल कांग्रेस) इतने बड़े जनादेश के साथ आए हैं, लेकिन वे जनता के लोकतांत्रिक अधिकारों का गला घोंट रहे हैं. हालांकि, राज्यपाल ने कसम खाई कि वह हार नहीं मानेंगे. धनखड़ ने कहा, मैं किसी के बहकावे में नहीं आऊंगा, चाहे जो भी हो. मैं केवल भारत के संविधान के सामने झुकूंगा. संविधान ने मुझे सशक्त बनाया है और मैं पश्चिम बंगाल के लोगों के लिए हर संभव प्रयास करूंगा.