वायनाड, 6 अगस्त : केरल के वायनाड में भूस्खलन से प्रभावित चार गांवों में बचाव अभियान मंगलवार को आठवें दिन भी जारी है. यहां मरने वालों की संख्या 402 पहुंच गई है और करीब 170 लोग अभी भी लापता हैं.
एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, अग्निशमन सेवाओं और स्वयंसेवकों ने मंगलवार सुबह चार सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों चूरलमाला, वेलारीमाला, मुंडकायिल और पुंचिरिमदोम में तलाशी शुरू कर दी. विशेष टीमें चलियार नदी में तलाश कर रही हैं, जहां से पिछले कुछ दिनों में कई शव और शरीर के क्षत-विक्षत अंग बरामद किए गए हैं. सभी शवों के डीएनए परीक्षण किए जा रहे हैं. यह भी पढ़ें : सर्वदलीय बैठक में जयशंकर ने बांग्लादेश की स्थिति की जानकारी दी
इससे पहले तलाशी अभियान के सातवें दिन छह शव बरामद किए गए. जानकारी के अनुसार, वायनाड के आपदा प्रभावित छह क्षेत्रों में तलाशी अभियान के लिए 1,100 से अधिक जवान जुटे हुए हैं. तलाशी अभियान में करीब 84 हिताची और पांच जेसीबी का इस्तेमाल किया जा रहा है. इसके अलावा 112 टीमों में शामिल 913 स्वयंसेवक और स्थानीय निवासी भी अभियान में 24 घंटे लगे हुए हैं.
110 लोगों की टीम ने नौ हिताची का इस्तेमाल कर प्रभावित क्षेत्र से दो शव बरामद किए. इसके अलावा वन विभाग और अग्निशमन बल की 101 सदस्यों वाली टीम ने जंगल में तलाशी अभियान के दौरान तीन शव बरामद किए. इस बीच हैरिसंस मलयालम लिमिटेड प्लांटेशन श्मशान घाट पर 30 अज्ञात शवों और 154 शवों का अंतिम संस्कार किया गया. अंतिम संस्कार किए गए लोगों में 14 महिलाएं और 13 पुरुष शामिल हैं.
केरल के राजस्व मंत्री ने मंगलवार को कहा कि स्थानीय स्वशासन (एलएसजी) विभाग को अब सरकार से संबंधित इमारतों की सूची देने के अलावा वर्तमान में बंद घरों की पहचान करने और इलाके में रिसॉर्ट्स की संख्या के बारे में भी जानकारी देने को कहा गया है. बचाव अभियान आठवें दिन में प्रवेश कर गया है, यह तब तक जारी रहेगा जब तक सेना अंतिम निर्णय नहीं ले लेती. इस बीच, मुख्यमंत्री आपदा राहत कोष में मदद की बाढ़ आ गई है और निर्णय लिया गया है कि राज्य सरकार के सभी कर्मचारी अपने पांच दिन का वेतन इसमें देंगे.