तमिलनाडु: इरोड में समय पर एम्बुलेंस न आने पर प्रसव पीड़ा होने पर महिला के रिश्तेदारों ने उसे बांस और कपड़े की बनाई गई डोली में उठाकर 6 किलोमीटर तक पैदल चले. दो घंटे तक पीड़ित महिला को अपने कंधे पर ढोने के बाद बच्चा एम्बुलेंस में ही पैदा हो गया. मां और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं. सांदीपुर गांव की रहने वाली 23 वर्षीय कुमारी को सोमवार को प्रसव पीड़ा हुई, इस दौरान पिछले तीन दिनों से अंथियूर तालुक में बरगुर पहाड़ी में हो रही हो रही मूसलाधार बारिश के कारण गांव का जीवन पहले से ही अस्त व्यस्त था. बरगुर-अंथियूर मुख्य मार्ग से सुन्दीपुर गांव तक का रास्ता खराब होने के कारण एम्बुलेंस सेवा ग्रामीणों तक नहीं पहुंच सकी. जिसकी वजह से कुमारी के रिश्तेदारों को उन्हें कंधे पर ढोना पड़ा.
गांव से सड़क तक 6 किलोमीटर तक चलने के बाद उन्हें एम्बुलेंस मिली, थमराईकरई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचने से पहले के रास्ते में कुमारी को प्रसव पीड़ा होने के बाद एम्बुलेंस सड़क के किनारे रोक दी गई और एम्बुलेंस के अंदर बच्चे का प्रसव कराया. बाद में कुमारी और नवजात शिशु को प्राथमिक उपचार के लिए अस्पताल ले जाया गया. फिलहाल मां और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं.
देखें वायरल वीडियो:
#WATCH Pregnant woman carried in a cloth cradle for 6 kms as ambulance couldn't reach due to lack of proper roads in Burgur, Erode. Woman's husband with villagers trekked to reach ambulance. She delivered a boy, yesterday, on way to hospital, mother & child are fine. #TamilNadu pic.twitter.com/AmIJ0MKG1R
— ANI (@ANI) December 4, 2019
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ख़बरों के अनुसार सामान्य दिन में 109 पर कॉल करने पर एम्बुलेंस बरगुर मेन रोड गांव के सुन्दीपुर गांव तक पहुंचती है, लेकिन बारिश के कारण उस दिन एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध नहीं थी. पीड़िता के परिवार वालों ने एम्बुलेंस बुलाया था, लेकिन एम्बुलेंस तक पहुंचने के लिए भी उन्हें मुख्य सड़क तक पैदल चलना पड़ा. यहां पिछले छह महीने से सड़क बनाने का कार्य जारी है.