Vice President Election 2022: दिल्ली में विपक्षी दलों की शरद पवार के घर हुई बैठक के बाद बोलीं मार्गरेट अलवा, 'किसी से डरने वाली नहीं, मुकाबला करूंगी'
विपक्ष के नेताओं के साथ मार्गरेट अलवा (Photo Credits Twitter)

Vice President Election 2022:  दिल्ली में शरद पवार के आवास पर विपक्षी दलों की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई. बैठक के बाद मार्गरेट अलवा ने कहा, मैं जगदीप धनकड़ का मुकाबला करूंगी, किसी से डरने वाली नहीं हूं. मार्गरेट अलवा कल 12 बजे नामांकन दाखिल करेंगी, इस मौके पर विपक्षी दलों के तमाम नेता मौजूद रहेंगे. मारगरेट अलवा ने कहा, मुझे बैठक में आने का न्योता मिला, जिन्होंने मुझपर उपराष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए भरोसा जताया और सहयोग दिया, मैं उनका शुक्रिया अदा करती हूं.  मुझे पता है यह मुश्किल लड़ाई है। लेकिन राजनीती में जितना और हारना मायने नहीं रखता है, लड़ना मायने रखता है.

जगदीप धनकड़ के साथ मुकाबले पर उन्होंने कहा, मैं उनका मुकाबला करूंगी, किसी से डरने वाली नहीं हूं. एनसीपी पार्टी अध्यक्ष शरद पवार के आवास पर हुई बैठक में समाजवादी पार्टी से रामगोपाल यादव, सीपीआई (एम) सीताराम येचुरी, आरजेडी से एडी सिंह, कांग्रेस से जयराम रमेश व मलिकार्जुन खड़गे, आईयूएमएल से इटी मोहम्मद बशीर, एमडीएमके से वाइको, आरएसपी से एन. के प्रेम चंद्रन, डीएमके से त्रिचीशिवा, वीसीके से तोल. तिरुमावलवन, सीपीआई से डी राजा और बिनोय बिस्वाम और एनसीपी से प्रफुल पटेल व सुप्रिया सुले शामिल हुए. यह भी पढ़े: Vice President Election 2022: मार्गरेट अल्वा होंगी विपक्ष के उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार, शरद पवार ने किया ऐलान

उपराष्ट्रपति पद के लिए नामांकण की आखिरी तारीख 19 जुलाई है और मतदान छह अगस्त को निर्धारित है। वहीं मौजूदा उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू का कार्यकाल 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है. पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ जाट समुदाय से ताल्लुक रखते हैं, वह पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह की सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं। उनके नाम के एलान के बाद नड्डा ने धनखड़ को किसान पुत्र बताया और कहा कि उन्होंने पश्चिम बंगाल में खुद को जनता के राज्यपाल के रूप में स्थापित किया.

दरअसल देश के उपराष्ट्रपति को चुनने के लिए निर्वाचक मंडल में संसद के दोनों सदनों, लोकसभा और राज्यसभा के सदस्य शामिल होते हैं. संसद में सदस्यों की मौजूदा संख्या 780 है, जिनमें से केवल भाजपा के 394 सांसद हैं। जीत के लिए 390 से अधिक मतों की आवश्यकता होती है.