
आज हम बात कर रहे हैं वाराणसी में हुए एक ऐसे अभियान की, जिसने कई लोगों के दिलों को तोड़ दिया है. 17 जून को वाराणसी के लंका इलाके में अतिक्रमण हटाने के नाम पर 35 दुकानें एक झटके में तोड़ दी गईं. इनमें से कुछ दुकानें तो ऐसी थीं, जो सिर्फ दुकान नहीं, बल्कि वाराणसी की पहचान बन चुकी थीं.
जिस अतिक्रमण विरोधी अभियान की वजह से ये सब हुआ, उसने सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोरीं दो बेहद मशहूर दुकानों को तोड़ने से. इनमें से एक थी "चाची की कचौड़ी की दुकान" और दूसरी "पहलवान लस्सी". ज़रा सोचिए, जो दुकानें कम से कम 100 साल पुरानी थीं और जिनकी पहचान बनारस से जुड़ी थी, वो रातोंरात मिट्टी में मिल गईं. स्थानीय लोग हों या पर्यटक, इन दुकानों का स्वाद और इनसे जुड़ी यादें हर किसी के लिए खास थीं.
Varanasi's "Chachi ki dukaan" and "Pahalwan lassi" turn into debris
Multiple bulldozer tore into 35 shops in Lanka area in Varanasi including the famous "chachi ki kachori ki dukaan" and the "Pahalwan lassi". Famous among locals and tourists alike, both the shops drew hundreds… pic.twitter.com/VUbQs83DCF
— Piyush Rai (@Benarasiyaa) June 18, 2025
ये सब हुआ लंका चौराहा के पास, बीएचयू रोड पर. सोशल मीडिया पर जेसीबी मशीनों द्वारा दुकानों को तोड़ते हुए कई वीडियो वायरल हो रहे हैं, जिन्हें देखकर आप समझ सकते हैं कि यह मंजर कितना दुखद रहा होगा.
बताया जा रहा है कि इन दुकानों को एक बड़े सड़क चौड़ीकरण परियोजना के लिए हटाया गया है. यानी, विकास के नाम पर हमारी कुछ पुरानी और प्यारी चीज़ें कुर्बान कर दी गईं.
लोक निर्माण विभाग ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया है कि पिछले महीने भर से इन दुकानदारों को अतिक्रमण हटाने के नोटिस दिए जा रहे थे. चेतावनी देने के बावजूद जब दुकानें नहीं हटाई गईं, तो अधिकारियों ने ये सख्त कदम उठाया.