देहरादून: उत्तराखंड (Uttarakhand) के चमोली (Chamoli) जिले के आपदाग्रस्त क्षेत्रों में चलाए जा रहे बचाव अभियान के आठवें दिन रविवार को बारह शव मिलने से आपदा से मरने वालों की संख्या बढ़कर 50 हो गई है. आज अधिकतर शव 520 मेगावाट की एनटीपीसी की तपोवन-विष्णुगाड सुरंग से मिले हैं जहां फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए पिछले एक सप्ताह से सेना, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, राज्य आपदा प्रतिवादन बल और भारत तिब्बत सीमा पुलिस का संयुक्त बचाव अभियान युद्धस्तर पर चल रहा है. उत्तराखंड आपदा: तपोवन सुरंग में फंसे लोगों तक पहुंचने के लिए सुराख को और चौड़ा किया जा रहा है
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल ने बताया कि टनल से मलबा और गाद साफ करने का काम तेजी से चल रहा है. दोपहर 12 बजे तक मलबे से कुल 7 शव निकाले गए थे. जिसमें से 5 शव टनल में और 2 शव बाहर मिले है. चमोली की जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने बताया कि एक शव की पहचान टिहरी जिले के नरेंद्रनगर के रहने वाले आलम सिंह तथा दूसरे शव की पहचान देहरादून के कालसी के रहने वाले अनिल के तौर पर की गई है.
Uttarakhand | 12 bodies recovered today, so far. The total number of bodies recovered reaches 50: State Disaster Response Force
— ANI (@ANI) February 14, 2021
उन्होंने कहा कि मौके पर एक हैलीकॉप्टर भी तैयार है जिससे अगर सुरंग से कोई व्यक्ति जीवित अवस्था में मिले तो उसे तत्काल मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराई जा सके. इसके अलावा, राज्य आपदा प्रतिवादन बल के सूत्रों से मिली सूचना के अनुसार, रैंणी गांव से भी रविवार को एक शव बरामद हुआ जिसकी पहचान अभी नहीं हुई है.
सात फरवरी को चमोली की ऋषिगंगा घाटी में आई बाढ़ के बाद अब तक 50 शव बरामद हो चुके हैं जबकि 154 अन्य अभी भी लापता हैं. इन लापता लोगों में तपोवन सुरंग में फंसे लोग भी शामिल हैं. बाढ़ के कारण 13.2 मेगावाट ऋषिगंगा जलविद्युत परियोजना पूरी तरह तबाह हो गई जबकि तपोवन विष्णुगाड को भारी क्षति पहुंची थी.