15 मई को खुलेंगे बदरीनाथ धाम के कपाट, मुख्य पुजारी समेत सिर्फ 27 लोग जाएंगे भीतर
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के कारण देश में लॉकडाउन लगा हुआ है. इस लॉकडाउन के कारण रेल, विमान और सड़को पर चलने वाली मोटर कार भी बंद हैं. इसके साथ लोग भी अपने घरों में बैठे हैं. वहीं मंदिरों को भी बंद करने का फैसला लिया गया है. जिसके पीछे का मकसद मात्र इतना है कि कोरोना वायरस के प्रकोप को रोका जा सके. इस बीच बदरीनाथ (Badrinath) धाम में मंदिर के कपाट 15 मई से खुल जाएंगे. इस दौरान मंदिर के मुख्य पुजारी समेत 27 लोग ही जा सकेंगे. एएनआई की खबर के मुताबिक मंदिर के कपाट 15 मई को खोले जाएंगे. उस समय किसी भी भक्त को अनुमति नहीं दी जाएगी. वहीं कपाट खोलने के दौरान सोसल डिस्टेंटिग का भी पूरा ध्यान रखा जायेगा.
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के कारण देश में लॉकडाउन लगा हुआ है. इस लॉकडाउन के कारण रेल, विमान और सड़को पर चलने वाली मोटर कार भी बंद हैं. इसके साथ लोग भी अपने घरों में बैठे हैं. वहीं मंदिरों को भी बंद करने का फैसला लिया गया है. जिसके पीछे का मकसद मात्र इतना है कि कोरोना वायरस के प्रकोप को रोका जा सके. इस बीच बदरीनाथ (Badrinath) धाम में मंदिर के कपाट 15 मई से खुल जाएंगे. इस दौरान मंदिर के मुख्य पुजारी समेत 27 लोग ही जा सकेंगे. एएनआई की खबर के मुताबिक मंदिर के कपाट 15 मई को खोले जाएंगे. उस समय किसी भी भक्त को अनुमति नहीं दी जाएगी. वहीं कपाट खोलने के दौरान सोसल डिस्टेंटिग का भी पूरा ध्यान रखा जायेगा.
बता दें कि जोशीमठ के उप जिलाधिकारी अनिल चन्याल ने यह जानकारी दी. बदरीनाथ धाम के कपाट नये मुहूर्त पर 15 मई को खोले जाने की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा चुका है. इससे पहले पहले 30 अप्रैल को बदरीनाथ मंदिर के कपाट खोले जाने थे लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण के कारण कपाट खोले जाने की तिथि 15 दिन आगे बढ़ा दी गयी थी और 15 मई को तड़के साढ़े चार बजे कपाट खोलने का नया मुहूर्त निकाला गया था.
ANI का ट्वीट:-
गौरतलब है कि केदारनाथ जी के गद्दी स्थल ओम्कारेश्वर मंदिर, ऊखीमठ में केदारनाथ के रावल भीमाशंकर शिवलिंग, स्थानीय दस्तूरदार और वेदपाठी गणों की मौजूदगी में पंचांग गणना के अनुसार मंदिर के कपाट खोले जाने की परंपरा रही है. देवभूमि उत्तराखंड में स्थित केदानाथ और बदरीनाथ धाम लोगों की प्रमुख आस्था का केंद्र है. वहीं हिमालय पर्वत की गोद में स्थित केदारनाथ मंदिर 12 ज्योतिर्लिगों में सम्मिलित होने के साथ चार धाम और पंच केदार में से भी एक है. अलकनंदा नदी के बाएं तट पर नर और नारायण नामक दो पर्वतों के बीच स्थित बदरीनाथ धाम भी अपनी अनोखी छटा के लिए काफी प्रसिद्ध है. (एजेंसी इनपुट)