उत्तर प्रदेश (Uttar pradesh) की योगी सरकार ने अस्पतालों के आइसोलेशन वार्ड में मोबाइल फोन पर लगाए गए प्रतिबंध को वापस ले लिया है. यूपी की सरकार ने कोरोना वायरस (Coronavirus) के बढ़ते मरीजों की संख्या को देखते हुए एल-2 और एल-3 आइसोलेशन वार्ड में फोन पर बैन लगाया गया था. लेकिन अब इस फैसले से को सरकार ने वापस ले लिया है. इससे पहले उत्तर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक डॉ. केके गुप्ता ने कोरोना के मरीजों को मोबाइल साथ ले जाने पर पाबंदी लगाने का आदेश दिया था. इस फैसले के पीछे की मंशा थी कि कोरोना के संक्रमण को रोका जा सके. लेकिन सरकार ने पीछे हटते हुए अपने फैसले को वापस ले लिया है. इसके साथ ही नया सर्कुलर जारी कर दिया है.
बता दें कि योगी सरकार के इस फैसले के बाद विरोधी दल हमलावर हो गए थे. समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा है कि अगर मोबाइल से संक्रमण फैलता है तो आइसोलेशन वार्ड के साथ पूरे देश में इसे बैन कर देना चाहिए. यही तो अकेले में मानसिक सहारा बनता है. वस्तुतः अस्पतालों की दुर्व्यवस्था व दुर्दशा का सच जनता तक न पहुंचे, इसीलिए ये पाबंदी है. ज़रूरत मोबाइल की पाबंदी की नहीं बल्कि सैनेटाइज़ करने की है.
ANI का ट्वीट:-
UP govt withdraws the order that banned the use of mobile phones by patients in isolation wards of L-2 & L-3 dedicated #COVID19 hospitals.
The state govt had issued an order y'day banning use of mobile phones by patients in isolation wards of L-2 & L-3 #COVID19 hospitals. pic.twitter.com/7EA7fxB1xh
— ANI UP (@ANINewsUP) May 24, 2020
गौरतलब हो कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की वेबसाइट पर उपलब्ध नये आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में फिलहाल कोरोना पॉजीटिव रोगियों की संख्या 5,735 है और पिछले दस दिनों से संख्या लगातार बढ़ रही है. ताजा आंकड़ो के मुताबिक पिछले 24 घंटे में 267 नए मामले सामने आए हैं, अभी तक राज्य में सक्रिय मामले 2493 है. पूरी तरह ठीक होकर डिस्चार्ज किए जा चुके लोगों की संख्या 3433 है.