उत्तर प्रदेश में योगी सरकार द्वारा प्रस्तावित धर्म परिवर्तन संबंधी बिल को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल द्वारा मंजूरी मिल चुकी है. राज्यपाल द्वारा मंजूरी मिलने के बाद यह बिल और भी शशक्त हो चुका है. उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन के खिलाफ अध्यादेश को राज्यपाल से मंजूरी के लिए बुधवार को राजभवन भेजा गया था. कैबिनेट की मंजूरी के बाद इस अध्यादेश के मसौदे को राज्यपाल के पास भेजा गया था. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने इसे और अधिक निश्चित शक्ति प्रदान करते हुए कानून को बढ़ावा दिया है.
बता दें कि यूपी कैबिनेट ने 24 नवंबर मंगलवार को अध्यादेश को मंजूरी दे दी, इसके तुरंत बाद इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने व्यक्तियों की पसंद की स्वतंत्रता के अधिकार को बरकरार रखा और अपने स्वयं के पहले के आदेश को रद्द कर दिया, जिसमें यह कहा था कि शादी के लिए धर्म परिवर्तन स्वीकार्य नहीं था. यह भी पढ़ें: Love Jihad Law: 'लव जिहाद' कानून को लेकर छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने BJP को घेरा, कहा- कई बीजेपी के नेताओं के परिवार में अंतरधार्मिक विवाह हुआ, उसका क्या?
इस अध्यादेश को छह महीने के भीतर विधानमंडल के दोनों सदनों में पास करना होगा. झूठ बोलकर, झांसा देकर, अंधविश्वा आदि के जरिए शादी और धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए योगी सरकार ने यह अध्यादेश लाया है. धोखा देखर, झूठ बोलकर हिन्दू लड़की से शादी करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी. लव जिहाद का दोषी पाए गए शख्स को 5 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है. अगर सिर्फ शादी के लिए लड़की का धर्म परिवर्तन किया गया तो ऐसी शादी अमान्य होगी और धर्म परिवर्तन कराने वालों को 10 साल जेल की सजा भी हो सकती है. यह भी पढ़ें: MP To Introduce Law Against Love Jihad: लव जिहाद दोषी को 5 साल की सजा हो सकती है-बीजेपी सांसद नरोत्तम मिश्रा
राज्यपाल की मंजूरी मिलते ही यह कानून प्रभावी हो गया है और अब ऐसा अपराध गैर जमानती माना जाएगा. इस अध्यादेश के अनुसार धर्म परिवर्तन से 2 महीने पहले जिला धार्मिक मत को सूचना देनी होगी और सम्बन्धित पक्षों को घोषणा करना होगा कि वो अपनी स्वेच्छा से और बिना किसी दबाव के अपना धर्म परिवर्तन कर रहा है.