मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार 'लव जिहाद' के खिलाफ कानून लाने के लिए तैयार है. सांसद गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि मध्य प्रदेश में गैर-जमानती आरोप लव जिहाद ’के मामलों में लागू होंगे. नरोत्तम मिश्रा ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा, '' हम विधानसभा में 2020 के मध्यप्रदेश स्वतंत्रता विधेयक को लाने की तैयारी कर रहे हैं. इसमें 5 साल के सश्रम कारावास का प्रावधान होगा. हम यह भी प्रस्ताव कर रहे हैं कि ऐसे अपराधों को संज्ञेय और गैर-जमानती अपराध घोषित किया जाए. यह भी पढ़ें: उत्तर प्रदेश: लव जिहाद पर सख्त CM योगी आदित्यनाथ, विश्व हिन्दू परिषद भी चाहती है कड़ा कानून
मध्य प्रदेश के मंत्री ने कहा कि आगामी विधानसभा सत्र में शिवराज सिंह चौहान सरकार 'लव जिहाद ’की समस्या की जांच करने के लिए एक धर्मनिरपेक्ष कानून लाएगी. जबकि हिमाचल प्रदेश ने पहले ही राज्य में लव-जिहाद विरोधी कानून ला दिया है. नरोत्तम मिश्रा ने आगे कहा कि जो लोग 'लव जिहाद ’करने में दूसरों की सहायता करते हैं, उन्हें भी नए कानून के तहत दोषी माना जाएगा और उसके अनुसार दंडित किया जाएगा. यही नहीं, जो लोग अंतरजातीय विवाह के बाद धर्म परिवर्तन करते हैं, उन्हें मध्य प्रदेश सरकार के लव-जिहाद विरोधी कानून के तहत भी दोषी ठहराया जाएगा. स्वैच्छिक धर्म परिवर्तन के लिए व्यक्ति को अनुरोध दर्ज करने के लिए कलेक्टर कार्यालय में एक महीने पहले आवेदन करना होगा. यह भी पढ़ें: Law Against ‘love jihad’: यूपी के बाद हरियाणा में भी 'लव जिहाद' के खिलाफ कानून बनाने पर विचार, स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा- इस अपराध को रोका जाना चाहिए
देखें ट्वीट:
Making preparations to introduce Madhya Pradesh Freedom of Religion Bill, 2020 in Assembly. It'll provide for 5 yrs of rigorous imprisonment. We're also proposing that such crimes be declared a cognizable & non-bailable offence: MP Home Minister Narottam Mishra on 'Love Jihad' pic.twitter.com/N4NA7Js8Ai
— ANI (@ANI) November 17, 2020
बता दें कि कुछ हफ्ते पहले, हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने विधानसभा को बताया कि राज्य सरकार 'लव जिहाद' के खिलाफ एक कानून पर विचार कर रही है और उसने हिमाचल प्रदेश से जानकारी मांगी है, जो पहले ही इस पर एक विधेयक पारित कर चुकी है. बता दें कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा ने पिछले साल एक नया धर्म अपनाने के "एकमात्र उद्देश्य" के लिए बलपूर्वक, अभद्रता या विवाह के माध्यम से धर्मांतरण के खिलाफ एक विधेयक पारित किया था.