लखनऊ, 27 मई (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश में कोरोना संकट के बीच सभी कर्मचारियों को मोर्चे पर लगाया है. इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने राज्य में आवश्यक सेवा अधिनियम (एस्मा) के तहत अगले 6 महीने तक सरकारी कर्मचारियों की तरफ से किसी भी हड़ताल पर रोक लगा दी है. सरकार के इस एक्ट को छह महीने तक और बढ़ाने के प्रस्ताव को राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की भी मंजूरी मिल गई है. राज्यपाल ने भी सरकार के इस फैसले पर अपनी मुहर लगा दी है. उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण की सेकेंड स्ट्रेन के कारण हर तरफ बढ़ी परेशानी को देखते हुए पहले से लागू एस्मा को छह महीने के लिए बढ़ा दिया गया है. यह भी पढ़ें- Yaas Cyclone का असर: पूर्वी उत्तर प्रदेश के 25 जिलों में भारी बारिश की संभावना.
आवश्यक सेवा अधिनियम के तहत अगले छह महीने तक प्रदेश में हड़ताल पर पाबंदी बरकरार रहेगी. प्रदेश में छह महीने तक एस्मा लागू होने के कारण अब कोई भी सरकारी कर्मी, प्राधिकरण कर्मी या फिर निगम कर्मी छह महीने तक हड़ताल नहीं कर सकेगा. राज्य में 6 माह तक हड़ताल पर रोक लगा दी गई है.
इसके अंतर्गत सरकारी विभागों, प्राधिकरणों, निगमों आदि में एस्मा के तहत अब छह माह के लिए हड़ताल पर रोक लगी है. उधर, एस्मा पर कर्मचारी यूनियन ने एतराज जताया है. शिक्षक कर्मचारी पेंशनर्स अधिकार मंच के नेताओं का कहना है कि सरकार एस्मा के बहाने कर्मचारियों की समस्याओं से निपटाने की बजाए अपना कार्यकाल पूरा करना चाह रही है.