
उरी: जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में एक बार फिर पाकिस्तान की ओर से नियंत्रण रेखा (LoC) पर गोलाबारी और धमाकों की आवाजें सुनाई दीं. गुरुवार को शुरू हुई इस नापाक हरकत में एक आम महिला की मौत हो गई और दूसरी गंभीर रूप से घायल हो गई. ये गोलीबारी ऐसे समय पर हो रही है जब पहले से ही उरी, कुपवाड़ा और बारामुला जैसे सीमाई क्षेत्रों में बेहद तनाव बना हुआ है. स्थानीय लोग अब लगातार खतरे के साए में जी रहे हैं.
वाहन पर हमला: नर्गिस बेगम की मौत, हफीजा घायल
पाकिस्तानी सेना द्वारा छोड़े गए मोर्टार शेल गुरुवार को उस समय एक वाहन पर गिरे, जब वह रजरवानी से बारामुला की ओर जा रहा था. वाहन में सवार नर्गिस बेगम (बशीर खान की पत्नी) की मौके पर ही मौत हो गई. वहीं दूसरी महिला हफीजा (रजीक अहमद खान की पत्नी) घायल हो गईं, जिन्हें बारामुला के जीएमसी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. अस्पताल प्रशासन ने बताया कि हफीजा की हालत अब स्थिर है, लेकिन उन्हें निगरानी में रखा गया है.
उरी सेक्टर में फिर गूंजे धमाके और गोलियां
#WATCH | Uri, J&K: Gunshots and explosions heard as Pakistan resumes arms and artillery fire along the LOC in Uri sector.
Visuals deferred by unspecified time. pic.twitter.com/7AngrvttIp
— ANI (@ANI) May 9, 2025
लगातार हो रही है सीमा पार से फायरिंग और शेलिंग
उरी, कुपवाड़ा, बारामुला और अखनूर जैसे इलाकों में बीते कुछ दिनों से लगातार पाकिस्तान की ओर से भारी गोलीबारी की जा रही है. इसके तहत तोपखाने और मोर्टार का भी इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे न केवल आम लोगों को जान का खतरा है, बल्कि सुरक्षाबलों को भी जवाबी कार्रवाई में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है.
गुरुवार तक 15 नागरिकों की मौत, एक जवान शहीद
पाकिस्तानी गोलीबारी का असर लगातार बढ़ता जा रहा है. गुरुवार तक कम से कम 15 नागरिकों की मौत हो चुकी है और 59 लोग घायल हुए हैं. इस हमले में भारतीय सेना का एक जवान भी शहीद हुआ है, जो सीमा पर अपनी ड्यूटी निभा रहा था.
सबसे अधिक नुकसान पुंछ जिले में हुआ, जहां 13 लोगों की मौत और 44 घायल हुए. ये हमला साफ़ दर्शाता है कि पाकिस्तान अब नागरिक इलाकों को निशाना बना रहा है, जो अंतरराष्ट्रीय कानूनों का स्पष्ट उल्लंघन है.
भारत की प्रतिक्रिया
भारतीय सेना ने संयम और मजबूती के साथ जवाब दिया है. वहीं स्थानीय प्रशासन ने सीमाई गांवों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. कई गांवों में स्कूल बंद कर दिए गए हैं और आपातकालीन मेडिकल सुविधाएं सक्रिय कर दी गई हैं.