UP: बच्चों को टेक्नोलॉजी से जोड़ने के लिए पीएम श्री स्कूल योजना अभिनव प्रयोग- मुख्यमंत्री योगी
(Photo : X)

लखनऊ, 4 जनवरी : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को लखनऊ के लोकभवन में 404 करोड़ रुपये की धनराशि से पीएम श्री स्कूलों के आधुनिकीकरण का शुभारंभ एवं 'प्रोजेक्ट अलंकार' के अंतर्गत माध्यमिक विद्यालयों में अवस्थापना सुविधाओं के संतृप्तीकरण हेतु 347 करोड़ रुपये की धनराशि का अंतरण तथा निष्पक्ष एवं पारदर्शी चयन प्रक्रिया के अंतर्गत समूह 'ख' के नवचयनित अधिकारियों को नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में शामिल हुए.

इस अवसर पर सीएम ने कहा कि हमने सत्ता में आने के बाद ऑपरेशन कायाकल्प के जरिये बेसिक विद्यालयों को अपग्रेड करना शुरू किया. आज बेसिक के 96 प्रतिशत विद्यालयों को ऑपरेशन कायाकल्प में अपग्रेड किया जा चुका है. इन विद्यालयों में एक्स्ट्रा क्लास, टॉयलेट, लैब और स्मार्ट क्लास का निर्माण किया गया. यह भी पढ़ें : Ram Mandir Inauguration: प्राण प्रतिष्ठा समारोह के निमंत्रण पत्र पर भव्य मंदिर और ‘बालरूप प्रभु राम’ की तस्वीर

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि ड्रॉपआउट रोकने के लिए स्कूल चलो अभियान की शुरुआत की गई. स्कूलों में 40 लाख बच्चे बढ़े हैं. अभियान के दौरान पाया कि बच्चे नंगे पैर और ठंड में शर्ट में आ रहे हैं. इस पर सरकार की ओर से डीबीटी के माध्यम से बच्चों के बैग, किताब, स्वेटर और जूते के लिए धनराशि अप्रैल में ट्रांसफर की जा रही है. शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए 1.25 लाख शिक्षकों की भर्ती की. बच्चों को टेक्नोलॉजी से जोड़ने के लिए बेसिक शिक्षा में पीएम श्री स्कूल योजना एक अभिनव प्रयोग है.

सीएम योगी ने कहा कि इसी तरह का प्रयोग प्रदेश में किया गया है, जो अटल आवासीय विद्यालय से जाना जाता है. इसी तर्ज पर प्रदेश में 57 जनपदों में इंटीग्रेटेड स्कूल के निर्माण की कार्रवाई की जा रही है. इसके लिए 1,000 करोड़ रुपए की एलाट किये जा चुके हैं. प्रदेश के बच्चे पहले कोचिंग के लिए दूसरे राज्यों में जाते थे. कोरोना काल के बाद अभ्युदय कोचिंग शुरू की गई. यह कोचिंग हर जिले में वर्चुअली और फीजिकली संचालित हो रही है. आज यहां बच्चे नीट, आईआईटी, यूपीएससी आदि की तैयारी कर रहे हैं.

सीएम योगी ने कहा कि पिछली सरकार ने नकल में काफी महारत हासिल कर रखी थी. उस दौरान जम्मू कश्मीर, हिमाचल समेत अन्य राज्यों के बच्चे प्रदेश में परीक्षा देने के लिए नामांकन कराते थे क्योंकि उन्हें यहां पर परीक्षा में नकल सामग्री उपलब्ध कराई जाती थी. हमने सरकार आते ही इस पर कड़ाई से प्रतिबंध लगाया और स्कूलों के इंफ्रास्ट्रक्चर पर काफी काम किया.