UP Assembly Elections: विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस यूपी का नया प्रमुख करेगी नियुक्त
प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Twitter)

नई दिल्ली, 14 सितम्बर : कांग्रेस पार्टी के सूत्रों ने कहा है कि अगले साल उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में विधानसभा चुनाव से पहले, कांग्रेस उच्च जाति समुदाय के वोटबैंक को देखते हुए राज्य इकाई में बदलाव पर विचार कर रही है. सूत्रों ने आगे कहा कि परिवर्तन के लिए विचार विशुद्ध रूप से राजनीतिक है क्योंकि कांग्रेस नेतृत्व प्रदेश अध्यक्ष के काम से खुश है, लेकिन पार्टी ने हाल ही में महसूस किया है कि ओबीसी समुदाय पर भाजपा और समाजवादी पार्टी ने पहले कब्जा कर लिया है. पार्टी का विचार ब्राह्मणों को लुभाने के लिए है क्योंकि कहा जा रहा है कि यह समुदाय राज्य में भाजपा से नाखुश है और सत्ताधारी दल सहित सभी दल उनका समर्थन हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं.

हालांकि कांग्रेस के पास प्रमोद तिवारी, राजेश मिश्रा और आचार्य प्रमोद कृष्णम के अलावा ज्यादा ब्राह्मण नेता नहीं हैं. लखनऊ में राजनाथ सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले किशनम को प्रदेश पार्टी प्रमुख पद के लिए शीर्ष पसंद कहा जाता है क्योंकि वह योगी आदित्यनाथ की तरह संत हैं और अल्पसंख्यकों के बीच भी लोकप्रिय हैं. लेकिन, अन्य दो भी भारी वजन वाले हैं. प्रमोद तिवारी प्रतापगढ़ में रामपुर की अपनी विधानसभा सीट नहीं हारे हैं, जबकि राजेश मिश्रा सालों पहले मुरली मनोहर जोशी को हराकर वाराणसी से सांसद थे. यह भी पढ़ें : हत्यारोपी पर धोखाधड़ी तथा विदेशी अधिनियम सहित विभिन्न धाराओं में भी मुकदमा दर्ज

कांग्रेस ने आखिरी वार दिवंगत एन.डी. तिवारी के रूप में राज्य को आखिरी ब्राह्मण मुख्यमंत्री दिया था. वह अपनी छवि को मजबूत करने की कोशिश कर रही है. कांग्रेस 1989 के चुनाव हार गई थी और उसी वर्ष से राज्य में सत्ता से बाहर हो गई थी.जबकि अन्य गैर ब्राह्मण नामों पर भी विचार किया जा रहा है, जिनमें राजाराम पाल और पी.एल. पुनिया पाल पूर्व सांसद हैं जबकि पुनिया छत्तीसगढ़ पार्टी के प्रभारी हैं.

प्रियंका गांधी वाड्रा सोमवार को राज्य के तीन दिवसीय दौरे के बाद लौट आई है. उन्होंने सभी पदाधिकारियों और जिलाध्यक्षों से बातचीत की. इससे पहले, पार्टी ने विधानसभा चुनाव से पहले 'हम वचन निभाएंगे' टैगलाइन के साथ 'कांग्रेस प्रतिज्ञा यात्रा' निकालने का फैसला किया. प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा था कि यात्रा 12,000 किलोमीटर की दूरी तय करेगी और सभी प्रमुख गांवों और कस्बों से होकर गुजरेगी यात्रा की तारीख अभी तय नहीं है, हालांकि सूत्रों का कहना है कि यह 2 अक्टूबर को गांधी जयंती से शुरू होने की संभावना है.