उन्नाव रेप केस: चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने पीड़िता की मां द्वारा लिखे पत्र पर मांगी रिपोर्ट, CBI ने दर्ज किया एफआईआर
CJI रंजन गोगोई और कुलदीप सेंगर (Photo Credits: PTI/Facebook)

नई दिल्ली: भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) रंजन गोगोई (Ranjan Gogoi) ने उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के परिवार द्वारा लिखे गए पत्र पर बुधवार को संज्ञान लेते हुए सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री से रिपोर्ट मांगी है. बताया जा रहा है कि गोगोई उन्नाव रेप पीड़िता के परिवार की ओर से 12 जुलाई को लिखे गए खत को उनके सामने लाने में देरी किए जाने से नाराज है. उधर, पीड़िता के कार हादसे की जांच के लिए सीबीआई ने केस दर्ज कर लिया है और मामलें की जांच में जुट गई है.

न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक CJI रंजन गोगोई ने सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री से एक सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के लिए कहा है. गोगोई ने बलात्कार पीड़िता के परिवार द्वारा लिखे गए पत्र को उनके समक्ष लाने में हुई देरी का कारण पूछा है. दरअसल पीड़ित के कार की ट्रक से टक्कर से कुछ दिन पहले ही परिजनों ने प्रधान न्यायाधीश के नाम एक पत्र लिखा था. इसमें आरोपियों द्वारा कथित रूप से उन्हें धमकी दिये जाने और उनसे अपनी जान को खतरे की आशंका व्यक्त की गई थी.

गौरतलब हो कि बीजेपी के निलंबित विधायक कुलदीप सेंगर पर रेप का आरोप लगाने वाली पीड़िता की गाड़ी को रविवार को एक ट्रक ने टक्कर मार दी. रायबरेली में हुए इस हादसे में पीड़िता की चाची और मौसी की मौत हो गई, जबकि हादसे में उसके वकील महेंद्र सिंह चौहान और दुष्कर्म पीड़िता गंभीर रूप से घायल हो गए थे. पीड़िता का इलाज केजीएमयू में चल रहा है. जहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है. वहीं, वकील महेन्द्र सिंह की हालत पहले से कुछ बेहतर बताई जा रही है.

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उन्नाव में रहने वाली पीड़िता की मां का आरोप है कि विधायक कुलदीप सेंगर ने अपने आवास पर 2017 में उनकी बेटी का बलात्कार किया था. फिलहाल सेंगर जेल में बंद है. लेकिन पीड़िता की मां का आरोप है कि वह जेल में होने के बाद भी उनके खिलाफ साजिश रच रहा है. वहीं मामला बढ़ने के बाद राज्य सरकार ने इस केस को सीबीआई को सौंप दिया है.