Unnao Case : रिपोर्ट में खुलासा, लड़कियों को पानी में दिया गया हर्बिसाइड
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credits: ANI)

कानपुर (उत्तर प्रदेश), 25 फरवरी : उन्नाव (Unnao) की तीन लड़कियों को दिए गए पानी में सल्फोसल्फुरन (Sulfosulfuron) (एक प्रकार का तृणनाशक) मिलाया गया था, जिसकी वजह से दो की मौत हो चुकी है. पुलिस ने गुरुवार को यह जानकारी दी. फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल), लखनऊ द्वारा जारी 17 फरवरी की रात को मृत मिली दोनों लड़कियों के विसरा के रासायनिक विश्लेषण की रिपोर्ट में उनके महत्वपूर्ण अंगों में सल्फोसल्फुरन की मौजूदगी का पता चला है.

उन्नाव के पुलिस अधीक्षक (एसपी) आनंद कुलकर्णी (Anand Kulkarni) ने कहा कि आरोपियों ने सल्फोसल्फुरन का इस्तेमाल किया, जो कि गंधहीन जड़ी-बूटी है और आसानी से पानी में घुलकर जहर का काम करती है. उन्होंने कहा, इसकी वजह से लड़कियों को यह एहसास नहीं हुआ कि उन्हें जहर दिया जा रहा है. इसके अलावा, हैंड-पंप का पानी जहां से बोतल भरी गई थी, उसका स्वाद भी खराब है. एसपी ने कहा कि पुलिस अब यह पता लगाएगी कि आरोपियों ने सल्फोसल्फुरन कहां से खरीदा था. यह भी पढ़ें : Unnao Case: उन्नाव में पीड़ित लड़कियों के अंतिम संस्कार के बाद सियासी बयानबाजी हुई तेज, अखिलेश यादव ने योगी सरकार से पूछा-घटनाओं का जिम्मेदार कौन है

यह घटना 17 फरवरी को उन्नाव के बाबूहारा गांव में घटी थी, जब मवेशियों के लिए चारा इकट्ठा करने गई लड़कियां काफी देर तक अपने घर नहीं लौटी, जिसके बाद परिवार के सदस्यों ने उन्हें खोजा तो वह खेत में बेहोशी की हालत में पड़ी मिली थीं. एक निजी अस्पताल में भर्ती होने वाली तीसरी लड़की ने पुलिस और मजिस्ट्रेट को दिए अपने बयान में कहा कि आरोपी विनय ने किसी भी तरह का यौन उत्पीड़न नहीं किया. लड़की ने बताया कि उन्हें चिप्स का एक पैकेट दिया गया, जिसे उन्होंने अस्वीकार कर दिया. फिर उसने पानी की बोतल पेश की और पानी पीने के तुरंत बाद वे बेहोश हो गईं. लड़की ने कहा कि पास के एक हैंडपंप का पानी स्वाद में खराब है, इसलिए उन्हें कुछ भी गलत होने का एहसास ही नहीं हुआ.