नई दिल्ली: केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन ने शुक्रवार को संसद में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला आम बजट पेश किया. इसमें राजकोषीय घाटे को काबू करने के साथ आर्थिक वृद्धि तथा रोजगार सृजन को गति देने पर विशेष बल दिया गया है. वित्तमंत्री ने अपने अभिभाषण में कहा कि गांव, गरीब और किसान बजट में केंद्र बिंदू है.
अपने बजट भाषण में निर्मला सीतारमन ने कहा कि एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर में भी निवेश को बढ़ावा दिया जाएगा. 10 हजार नए किसान उत्पादक संघ बनाए जाएंगे. दलहन के मामले में देश आत्मनिर्भर बना है. हमारा लक्ष्य आयात पर कम खर्च करना है, इसके साथ ही डेयरी के कार्यों को भी बढ़ावा दिया जाएगा.
सरकार 'गांव, गरीब और किसानों' को अपनी प्रत्येक योजनाओं में अहम स्थान देती है: वित्त मंत्री #NirmalaSitharaman #Budget2019 #BudgetForNewIndia https://t.co/kgxy8SVc5A
— पीआईबी हिंदी (@PIBHindi) July 5, 2019
भारतीय जनता पार्टी ने आम चुनावों से पहले जारी घोषणापत्र में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ सभी किसानों को देने और लघु एवं सीमांत किसानों को 60 साल की आयु के बाद पेंशन देने का वादा किया था. हालांकि, मोदी सरकार ने दूसरे कार्यकाल की पहली मंत्रिमंडल की बैठक में इस दिशा में पहल कर दी है.
FM: We'll invest widely in agricultural infrastructure. We'll support pvt entrepreneurship in driving value addition to farmers produce & those from allied activities too, like bamboo, timber & also for generating renewable energy. Ann daata ko kyun oorja daata bana nahi sakte? pic.twitter.com/qPOcZp9d2M
— ANI (@ANI) July 5, 2019
मोदी सरकार ने अपने चुनावी वादे के मुताबिक बजट में किसानों का खास खयाल रखा है. किसानों के उत्पादों की अच्छी कीमतें सुनिश्चित करने के लिए कई घोषणायें की. बजट में ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना मनरेगा को आवंटित राशि का 75 प्रतिशत भाग जल संबंधित योजनाओं पर खर्च करने का प्रस्ताव शामिल होने की संभावना है. साथ ही 14,000 करोड़ रुपये के आवंटन के साथ प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में भी सुधार किया जा सकता है.