नई दिल्ली: अनलॉक-1 के बाद जून महीने में देश की बेरोजगारी दर (Unemployment Rate) में गिरावट आई है. भारत में बेरोजगारी की दर मई में 23 प्रतिशत की तुलना में जून में घटकर 11 प्रतिशत रह गई, थिंक-टैंक सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) द्वारा जारी आंकड़ों में कहा गया है. देश के अधिकांश हिस्सों में वितरित सैंपल साइज ग्रामीण और शहरी बेल्ट में समान रूप से विभाजित करते हुए रिसर्च बॉडी ने कहा कि नौकरी की स्थिति लॉकडाउन से पहले की तरह हो रही है.
सीएमआईई ने कहा कि नौकरियों की कमी शहरी भारत में ग्रामीण इलाकों की तुलना में अधिक बनी हुई है. बाद में, 10.52 की बेरोजगारी दर्ज की गई थी, जबकि शहरी बेरोजगारी दर 12.02 प्रतिशत थी. यह भी पढ़ें: आत्मनिर्भर भारत अभियान: अर्थव्यवस्था में योगदान बढ़ाएंगे भारत के स्पेस प्रोग्राम.
आंकड़ों के मुताबिक राज्यों में, सबसे अधिक बेरोजगारी हरियाणा में दर्ज की गई - 33.6 प्रतिशत, इसके बाद त्रिपुरा में 21.3 प्रतिशत और झारखंड में 21 प्रतिशत. CMIE के मुताबिक जून में देश में कुल 37.3 करोड़ लोग रोजगार में थे. इस तरह जून में रोजगार की दर 35.9 फीसदी थी. लंबे समय तक आर्थिक मंदी के बीच लॉकडाउन से पहले मार्च महीने में बेरोजगारी की दर 8.75 फीसदी थी. इसी तरह जनवरी में यह महज 7.22 फीसदी और फरवरी में सिर्फ 7.76 फीसदी थी.
25 मार्च को देशभर में लॉकडाउन लगने के बाद देश में अप्रैल महीने में 23.52 फीसदी की रिकॉर्ड बेरोजगारी देखी गई. इसके बाद मई महीने में भी 23.48 फीसदी की बेरोजगारी देखी गई. अप्रैल महीने में बेरोजगारी दर 27.1 फीसदी के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई थी क्योंकि ज्यादातर आर्थिक गतिविधियां बंद थीं.
CMIE के मैनेजिंग डायरेक्टर और सीईओ महेश व्यास ने कहा, 'बेरोजगारी दर में गिरावट आई है. बेरोजगारी की दर में सुधार का कारण सरकार द्वारा मनरेगा के खर्च में वृद्धि और खरीफ बुवाई में वृद्धि को बताया जा सकता है.