नई दिल्ली, 17 फरवरी : दिल्ली (Delhi) की एक अदालत ने किसानों के विरोध प्रदर्शन को लेकर फेसबुक पर फर्जी वीडियो पोस्ट (Fake video post) करने के आरोपी व्यक्ति को जमानत देते हुए कहा कि देशद्रोह का कानून शरारती तत्वों को सबक सिखाने के लिए लागू नहीं किया जा सकता. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेद्र राणा ने कहा कि सार्वजनिक शांति भंग करने या हिंसा का सहारा लेने के लिए उकसाने के आरोपी पर राजद्रोह का कानून लागू नहीं किया जा सकता.
अभियोजन पक्ष के अनुसार, 21 वर्षीय एक मजदूर ने अपने फेसबुक पेज पर एक फर्जी वीडियो पोस्ट किया, जिसमें टैगलाइन 'दिल्ली पुलिस में बगावत, 200 पुलिसकर्मियों ने सामूहिक इस्तीफा सौंपा' लिखा था. यह भी पढ़ें : Rahul Gandhi Slams Modi Govt: साउथ अफ्रीका और ब्राजील से कोरोना के नए स्ट्रेन के भारत में आने को लेकर राहुल गांधी का केंद्र पर बड़ा हमला, ट्वीट कर कही ये बड़ी बात
पुलिस ने दावा किया कि आरोपी ने प्रदेश के खिलाफ असंतोष फैलाने के इरादे से न सिर्फ सनसनीखेज फेसबुक पोस्ट की, बल्कि जालसाजी भी की है. अदालत ने आरोपी को 50,000 रुपये के मुचलके पर जमानत दे दी.