गाड़ी वालों सावधान! नए साल से पहले नहीं किया ये काम तो हाईवे पर सफर हो सकता है मुश्किल
सरकार देशभर में फास्टैग के जरिए टोल प्लाजा से 100 प्रतिशत भुगतान प्राप्त करना चाहती है और टोल प्लाजा पर कैश लेन-देन को पूरी तरह से खत्म करना चाहती है. भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने एक नोटिफिकेशन जारी किया है.
नई दिल्ली: सरकार देशभर में फास्टैग (FASTags) के जरिए टोल प्लाजा (Toll Plaza) से 100 प्रतिशत भुगतान प्राप्त करना चाहती है और टोल प्लाजा पर कैश लेन-देन को पूरी तरह से खत्म करना चाहती है. भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport and Highways) ने 1 जनवरी से सभी चार पहियों वाले वाहनों के लिए फास्टैग को अनिवार्य कर दिया गया है, ताकि नकद लेनदेन को खत्म किया जा सके. वर्तमान में, लगभग 75 फीसदी टोल भुगतान FASTags के माध्यम से किया जाता है, जिसे सरकार दिसंबर 2020 तक 100 फीसदी खत्म करना चाहती है. डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार सभी टोल प्लाजा पर कैश लेन-देन को पूरी तरह से खत्म कर रही है.
ऐसे में यदि आपने अपने वाहन पर फास्टैग नहीं लगवाया तो आपको हाईवे पर असुविधा हो सकती है. देश में एक जनवरी 2021 से सभी चार पहिया वाहनों के लिए फास्टैग अनिवार्य होगा. रिपोर्ट्स के अनुसार भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) टोल प्लाजा पर प्वाइंट ऑफ सेल (PoS) मशीनों के साथ कर्मियों को तैनात करेगा ताकि स्मार्ट टैग जल्दी जारी किए जा सकें. एक अधिकारी ने कहा, "हम नेशनल हाईवे उपयोगकर्ताओं को अपने वाहन के लिए फास्टैग प्राप्त करने के लिए जागरूकता अभियान चलाएंगे. RTGS Money Transfer: आज से 24X7 उपलब्ध रहेंगी आरटीजीएस सेवा, जानें यह सर्विस NEFT से है कितनी अलग?
हाल ही में सड़क परिवहन और राजमार्ग सचिव गिरधर अरमाने ने उत्तर प्रदेश में एक टोल प्लाजा का दौरा किया था ताकि जमीनी स्थिति का आकलन किया जा सके और जल्द ही टोल के डिजिटल भुगतान को पूरी तरह से लागू किया जा सके.
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने कहा, टोल प्लाजा पर इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से शत- प्रतिशत शुल्क के भुगतान से वाहन सुचारू रूप से गुजर सकेंगे. फास्टैग की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए सभी उपाय किए जा रहे हैं. इन्हें विभिन्न स्थानों पर और ऑनलाइन उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है.
फास्टैग क्या है?
फास्टैग इलेक्ट्रॉनिक टोल कलेक्शन तकनीक है. इसमें रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) का इस्तेमाल होता है. इस टैग को वाहन के विंडस्क्रीन पर लगाया जाता है. यह आपने बैंक अकाउंट या नेशनल हाइवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया के पेमेंट वॉलिट से जुड़ा होगा. इससे गाड़ी चालकों को टोल प्लाजा से गुजरते वक्त गाड़ी रोकने की जरूरत नहीं होगी. जैसे ही आपकी गाड़ी टोल प्लाजा के पास आएगी तो टोल प्लाजा पर लगा सेंसर आपके वाहन के विंडस्क्रीन पर लगे फास्टैग को ट्रैक कर लेगा और रकम आपने अकाउंट से खुद कट जाएगी.