'पीएम गति शक्ति' के तीन साल: सीएम योगी-धामी बोले - युवाओं के सपनों को मिली नई उड़ान
CM Yogi Adityanath | PTI

नई दिल्ली, 13 अक्टूबर :'पीएम गति शक्ति' पहल के तीन साल पूरे होने पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दी. सीएम योगी ने कहा कि गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान 'नए भारत' में सुव्यवस्थित, अत्याधुनिक आधारभूत ढांचे और मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के निर्माण में एक क्रांतिकारी पहल सिद्ध हुआ है. उन्होंने कहा कि इस योजना ने समाज और देश के आर्थिक विकास को 'नई गति, नई शक्ति, नई दिशा' प्रदान कर रही है और युवाओं के सपनों को नई उड़ान दी है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से 15 अगस्त 2021 को 'पीएम गति शक्ति योजना' की घोषणा की थी. इसका मकसद देश की बुनियादी ढांचे को मजबूत करना और लॉजिस्टिक्स सुविधा को बेहतर बनाना है. सीएम योगी ने रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ''प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यशस्वी नेतृत्व में तीन वर्ष पूर्व शुरू हुआ गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान 'नए भारत' में सुव्यवस्थित, अत्याधुनिक आधारभूत ढांचे और मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी के निर्माण में एक क्रांतिकारी पहल सिद्ध हुआ है.'' यह भी पढ़ें : बाबा सिद्दीकी हत्याकांड मामले में कुछ सुराग मिले: फडणवीस

उन्होंने आगे लिखा, ''विकसित भारत-आत्मनिर्भर भारत की अपेक्षा के अनुरूप यह परिवर्तनकारी योजना बेहतर लॉजिस्टिक्स सुविधा और तीव्र कनेक्टिविटी को सुनिश्चित करते हुए 'कम लागत, कम समय और अधिकतम रोजगार' के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में तेजी से अग्रसर है. समाज और देश के आर्थिक विकास को नई गति-नई शक्ति-नई दिशा प्रदान कर रही इस योजना ने युवाओं के सपनों को नई उड़ान दी है. आभार प्रधानमंत्री जी.''

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी 'पीएम गति शक्ति' के तीन वर्ष पूरे होने पर एक्स पोस्ट में लिखा, ''प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीन वर्ष पूर्व शुरू किए गए 'पीएम गति शक्ति योजना' के तीन वर्ष पूर्ण हो गए हैं. यह योजना एक समग्र और दीर्घकालिक विकास की दिशा में भारत के प्रयासों का प्रतीक है, जो सभी क्षेत्रों को जोड़कर भविष्य के लिए एक मजबूत आधार तैयार कर रही है.''

उन्होंने आगे लिखा, ''इन तीन वर्षों में इस योजना के तहत न केवल देश के बुनियादी ढांचे को मजबूती मिली है, बल्कि यह भारत के आर्थिक और सतत विकास की दिशा में एक ठोस कदम साबित हुआ है. इस योजना के अंतर्गत मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी से लॉजिस्टिक्स लागत कम हुई है. साथ ही उद्यमशीलता और रोजगार के नए अवसर भी खुल रहे हैं.''