नई दिल्ली, 18 सितम्बर: आईएसआई प्रशिक्षित आतंकवादी ओसामा जिसे 14 सितंबर को दिल्ली पुलिस द्वारा त्योहारी सीजन के दौरान हमलों की योजना बना रहे एक सक्रिय आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ करने के बाद गिरफ्तार किया गया था, उसके चाचा हुमैद-उर-रहमान ने प्रयागराज में उत्तर प्रदेश पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है. अधिकारियों ने शनिवार को इसकी जानकारी दी. अधिकारियों के मुताबिक, रहमान ने शुक्रवार को करेली थाने में सरेंडर कर दिया. उत्तर प्रदेश पुलिस ने पहले रहमान के लिए लुकआउट नोटिस जारी किया था. यह भी पढ़े: Uttar Pradesh: सिपाही की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत,बैरक के बाहर पड़ा मिला शव
आरोप है कि दिल्ली के जामिया नगर का रहने वाला रहमान भारत में पूरे आतंकी नेटवर्क को कोऑर्डिनेट कर रहा था. जांच की जानकारी रखने वाले एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि रहमान ने ओसामा और यूपी के इलाहाबाद के रहने वाले जीशान कमर को पाकिस्तान में ट्रेनिंग लेने के लिए ओमान की राजधानी मस्कट भेजा था. जब वे मस्कट पहुंचे, तो पाकिस्तान इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) उन्हें विस्फोटक और बम बनाने का प्रशिक्षण दिलाने के लिए समुद्री मार्गों से ग्वादर बंदरगाह ले गया. ओसामा और जीशान कमर को रोजाना इस्तेमाल की जाने वाली वस्तुओं की मदद से बम और आईईडी बनाने और आगजनी करने की ट्रेनिंग दी गई थी. उन्हें छोटी फायरआर्म्स और एके-47 को संभालने और उपयोग करने की भी ट्रेनिंग दी गई थी. पूछताछ में पता चला कि ओसामा अप्रैल में मस्कट के लिए निकला था जहां उसकी मुलाकात जीशान से हुई थी.
वे 15-16 बंगाली भाषी लोगों से जुड़ गए और कई ग्रुपों में विभाजित हो गए जहां जीशान और ओसामा को एक समूह में रखा गया. अगले कुछ दिनों में, कई छोटी समुद्री यात्राओं के बाद, कई बार नांव बदलने के बाद, उन्हें पाकिस्तान में ग्वादर बंदरगाह के पास जिओनी शहर ले जाया गया, जहां उनका स्वागत एक पाकिस्तानी ने किया जो उन्हें थट्टा के एक फार्महाउस में ले गया. फार्महाउस में पहले से तीन पाकिस्तानी नागरिक थे। इनमें से दो, जब्बार और हमजा ने उन्हें ट्रेनिंग दी. ये दोनों पाकिस्तानी सेना से थे क्योंकि उन्होंने सैन्य वर्दी पहनी थी. ट्रेनिंग लगभग 15 दिनों तक चली और उसके बाद, उन्हें उसी मार्ग से मस्कट वापस ले जाया गया. ओसामा और जीशान के अलावा गिरफ्तार किए गए अन्य चार आरोपी आतंकवादियों की पहचान मुंबई निवासी जान मोहम्मद शेख के रूप में हुई है. बाकी तीनों उत्तर प्रदेश के थे, जिसमें रायबरेली निवासी मूलचंद, बहराइच के मोहम्मद अबू बकर और लखनऊ के मोहम्मद आमिर जावेद हैं. सभी छह आरोपी 29 सितंबर तक पुलिस हिरासत में हैं.