मां तुझे सलाम: लॉकडाउन में फंसे बेटे को घर वापस लाने के लिए स्कूटर से किया 1,400 km का सफर
तेलंगाना (Telangana) के निजामाबाद (Nizamabad) का है. जहां बोधन (Bodhan) की रहनेवाली रजिया बेगम (Razia Begum) ने आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के नेल्लोर (Nellore) में फंसे अपने बेटे को लाने के लिए स्कूटर से 1,400 किलोमीटर की दूरी तय की.
हैदराबाद: कोरोना वायरस (Coronavirus) को फैलने से रोकने के लिए देश को 21 दिन के लिए लॉकडाउन (Lockdown) किया गया है. परिवहन सेवाओं के ठप होने से कई लोग जहां तहां फंसे हुए है. इस बीच लॉकडाउन मानदंडों का पालन करते हुए एक स्कूल टीचर ने अपने बेटे को घर वापस लाने के लिए दोपहिया वाहन से 1,400 किलोमीटर का कठिन सफर किया.
यह वाकिया तेलंगाना (Telangana) के निज़ामाबाद (Nizamabad) का है. जहां बोधन (Bodhan) की रहनेवाली रजिया बेगम (Razia Begum) ने आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के नेल्लोर (Nellore) में फंसे अपने बेटे को लाने के लिए स्कूटर से 1,400 किलोमीटर की दूरी तय की. हालांकि उन्होंने इस काम के लिए बाकायदा प्रशासन से मंजूरी ली थी. केरल के राज्यपाल ने एर्नाकुलम में फंसे बहराइच के मजदूरों तक मदद पहुंचाई
स्कूल टीचर रजिया बेगम ने बेटे को वापस लाने के बाद कहा "मैंने बोधन के एसीपी जयपाल रेड्डी (Jaipal Reddy) को अपनी स्थिति के बारे में बताया और उन्होंने मुझे यात्रा करने का परमिशन लेटर दिया". हालांकि पुलिस से अनुमति लेने के बावजूद रजिया को कई स्थानों पर रोका गया, लेकिन वह अधिकारियों को समझाने में कामयाब रही.
बेटे के साथ अपने अपने गृहनगर पहुंचने के बाद रजिया ने कहा कि यह काम मुश्किल नहीं था. डॉक्टर बनने की चाहता रखने वाले रजिया के बेटे निजामुद्दीन (Nizamuddin) बारहवीं का छात्र है. वह पिछले महीने 12 मार्च को एक दोस्त के साथ नेल्लोर गया था. क्योकि दोस्त के पिता की तबियत ख़राब हो गई थी. हालांकि, लॉकडाउन के कारण वह वापस घर नहीं लौट सका.