अमरावती, 9 मार्च : आंध्र प्रदेश में भाजपा के टीडीपी-जेएसपी गठबंधन से हाथ मिलाने की संभावना के बीच, राज्य की सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) ने शुक्रवार को कहा कि अगर सभी दल एक साथ आ जाएं, तब भी वे मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी की एक और जीत को नहीं रोक पाएंगे.
भाजपा और तेलुगु देशम-जन सेना गठबंधन के बीच सीट बंटवारे पर समझौते की खबरों के बीच, वाईएसआरसीपी महासचिव सज्जला रामकृष्ण रेड्डी ने कहा कि गठबंधन के लिए उनके "बेताब" प्रयास उनकी "कमजोरी" और जगन मोहन रेड्डी की "ताकत" को दर्शाते हैं. यह भी पढ़ें : Rohit Pawar ED Raids: सुप्रिया सुले ने महाराष्ट्र में रोहित पवार के खिलाफ ईडी की कार्रवाई पर भड़कीं, लगाया सत्ता के दुरुपयोग का आरोप
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, "चाहे वे कुछ भी करें, हमें 50 प्रतिशत से अधिक लोगों का समर्थन प्राप्त है और इसलिए अगर वे एक साथ आते हैं तो भी जीत हमारी होगी." टीडीपी अध्यक्ष एन. चंद्रबाबू नायडू और जन सेना नेता पवन कल्याण ने गुरुवार को सीट बंटवारे पर चर्चा के लिए नई दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जे.पी.नड्डा से मुलाकात की.
वाईएसआरसीपी नेता ने कहा कि विभिन्न दलों का एक साथ आना उनकी समानताओं को भी दर्शाता है. रामकृष्ण रेड्डी ने दावा करते हुए कहा, "टीडीपी वेंटिलेटर पर है. जन सेना की कोई मौजूदगी नहीं है और हर कोई जानता है कि राज्य में भाजपा को कितने वोट मिले. यह सब देखने के बाद, उनके गठबंधन का परिणाम स्पष्ट हो जाएगा. लोग उनकी "विफलता की राजनीति" को समझ गए हैं."
यह दावा करते हुए कि वाईएसआरसीपी स्पष्ट योजनाओं और अनुशासन के साथ चुनाव के लिए तैयार है, लेकिन अन्य दल छात्रों की तरह हैं जिन्होंने तैयारी भी शुरू नहीं की है, उन्होंने भविष्यवाणी की कि प्रतिद्वंद्वी खेमे में आने वाले दिनों में सीटों के लिए अधिक असंतोष और अंदरूनी कलह देखने को मिलेगी.
रामकृष्ण रेड्डी ने कहा कि चंद्रबाबू नायडू टीडीपी को पुनर्जीवित करने के लिए गठबंधन के लिए बेताब प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "वह हताश है. उसे लगता है कि अगर वह यह मौका चूक गया, तो उसके लिए सब कुछ खत्म हो जाएगा. आखिरी प्रयास के रूप में, वह किनारे तक पहुंचने के लिए तिनके का सहारा लेने की कोशिश कर रहा है. अगर कुछ लोग सोचते हैं कि यह उसकी ताकत है और वह कुछ कर सकते हैं, तो यह उनका भ्रम है.''
रामकृष्ण रेड्डी ने, जो सार्वजनिक मामलों पर सरकार के सलाहकार भी हैं, कहा कि टीडीपी प्रमुख हमेशा किसी की मदद लेने की कोशिश करते हैं. उन्होंने कहा, "यह हर बार काम नहीं करता है. उन्होंने 2009 में गठबंधन बनाया लेकिन वह सफल नहीं हुए. इस बार, उन्होंने एक अलग चाल अपनाई है. वह न केवल भाजपा को बल्कि कांग्रेस को भी नियंत्रित कर रहे हैं. वह सभी को एक साथ लाने की कोशिश कर रहे हैं.उनके प्रयास जगन की ताकत और उन्हें प्राप्त जनता के समर्थन को साबित करते हैं.''
उन्होंने यह भी दावा किया कि चंद्रबाबू नायडू की सलाह से कांग्रेस की प्रदेश प्रमुख और जगन मोहन रेड्डी की बहन वाई.एस. शर्मिला किराये पर एक पार्टी चला रही हैं जो पहले ही दिवालिया हो चुकी है.
चंद्रबाबू नायडू को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय "घोटालेबाज" करार देते हुए वाईएसआरसीपी नेता ने आरोप लगाया कि कौशल विकास, अमरावती इनर रिंग रोड और अन्य घोटाले आईएमजी भारत घोटाले के समान हैं, जिसने 20 साल पहले चंद्रबाबू नायडू का चेहरा उजागर किया था. उन्होंने कहा कि 2007 में वाई.एस. राजशेखर रेड्डी की तत्कालीन सरकार ने घोटाले की जांच के लिए एक जांच आयोग का गठन किया था और हाल ही में जगन मोहन रेड्डी ने टीडीपी नेता को बेनकाब किया था.